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भोपाल की ग्राम पंचायत से निर्विरोध सरपंच चुनी गई कृष्णा रावत, मिलेगा ₹15 लाख का पुरस्कार ?

भोपाल की ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री शिवराज की अपील का असर हुआ है। दरअसल भोपाल जिले की पंचायत आदमपुर छावनी में महिला सरपंच कृष्णा रावत और 20 महिला पंचों को निर्विरोध चुन लिया गया है।

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भोपाल,7 जून। राजधानी भोपाल से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत आदमपुर छावनी 'पंचायत चुनाव' में चर्चा का विषय बन रही है। दरअसल इस पंचायत में पहली बार सरपंच और 20 पंच निर्विरोध चुने गए हैं। सरपंच की कमान 22 वर्षीय कृष्णा रावत को दे दी गई है। कृष्णा रावत पोस्ट ग्रेजुएट है और उन्हें हिस्ट्री में M.A. किया है। बता दे इस महिला सरपंच की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई है और वह फिलहाल अभी घर में हाउसवाइफ का काम कर रही थी।

कैसे निर्विरोध चुनी गईं महिला सरपंच

कैसे निर्विरोध चुनी गईं महिला सरपंच

कृष्णा रावत के जेठ प्रशांत ठाकुर पहले पंचायत में उपसरपंच थे। उनके द्वारा लगातार पंचायत में सामाजिक मुद्दे उठाने का काम किया जा रहा था। ऐसे में पंचायत में ओबीसी आरक्षण लागू होने से उन्होंने सरपंच प्रत्याशी के लिए खुद का नहीं, बल्कि अपनी बहू का नाम आगे बढ़ाया। पंचायत में प्रशांत ठाकुर समाज सेवी होने के साथ रसूखदार भी हैं। पंचायत में प्रशांत ठाकुर की काफी इज्जत है। यही वजह है कि उनकी बहू को निर्विरोध चुना गया है। इसके अलावा प्रशांत ठाकुर के हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा से भी काफी घनिष्ठ संबंध हैं।

प्रशांत ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि नामांकन दाखिल करने के बाद गांव के वरिष्ठ लोगों से रायशुमारी की गई। पंच के 20 पदों पर महिलाओं को उतारने की बात सोची। फिर उनके डॉक्यूमेंट जमा किए। पंच पदों पर एक-एक नामांकन ही दाखिल हुए, इसलिए सभी निर्विरोध चुन ली गईं। फिलहाल अभी ग्राम पंचायत में जश्न का माहौल है।

समाजसेवी प्रशांत खुद क्यों नहीं बने सरपंच ?

समाजसेवी प्रशांत खुद क्यों नहीं बने सरपंच ?

प्रशांत ठाकुर ने बताया कि कृष्णा की डेढ़ साल पहले आदमपुर छावनी में रहने वाले उनके भाई रोहित रावत से शादी हुई थी। उन्होंने बताया कि पिछली पंचायत में वे उपसरपंच के पद पर थे। उन्हें आइडिया आया कि क्यों न घर की महिला सरपंच की बागडोर संभाले। फिर यह बात उन्होंने घर वालों को बताई। सभी ने बहू को सरपंच बनाने की सहमति दे दी। इसके बाद गांव के लोगों के साथ बैठकर हुई। उन्होंने भी बहू के नाम पर सहमति जता दी। 4 जून को सरपंच का नामांकन दाखिल किया गया। नामांकन के आखिरी दिन तक कृष्णा को छोड़ अन्य किसी ने भी दावेदारी नहीं की थी।

महिला सरपंच ने बताए विकास के ये काम

महिला सरपंच ने बताए विकास के ये काम

भोपाल की ग्राम पंचायत आदमपुर छावनी से निर्विरोध चुनी गई सरपंच कृष्णा रावत ने बताया कि गांव में आंगनवाड़ी केंद्र नहीं हैं। सबसे पहले मैं आंगनवाड़ी के लिए प्रयास करूंगी। गांव में पक्की सड़कों और नालियों का भी निर्माण भी करवाऊंगी। इसके अलावा गौशाला का निर्माण भी जल्द पूरा करवाऊंगी। उन्होंने कहा कि वह गांव के लोगों की सहमति से ही विकास के कार्य करेंगी।

CM शिवराज ने की थी 15 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा

CM शिवराज ने की थी 15 लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने कहा कि समरस पंचायतों एवं उनके विकास की दृष्टि से आदर्श ग्राम पंचायतों के प्रोत्साहन हेतु पुरस्कार की घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि पंचायत में सरपंच और पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध रूप से होने पर पंचायत को 15 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसलिए पंचायत आदमपुर छावनी को ₹15 लाख पुरस्कार मिलने की उम्मीद है। सरपंच ने बताया कि यह राशि व विकास के कार्यों में खर्च करेंगी।

यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री शिवराज ने कलेक्टर को लगाई जमकर फटकार, कहां- इधर-उधर मुंडी मत हिलाओ

English summary
Krishna Rawat, elected unopposed as Sarpanch from Adampur Cantonment, Bhopal Gram Panchayat, will get a prize of Rs 15 lakh
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