व्यापम घोटाला: मध्य प्रदेश सरकार पर सवाल, कहां हैं असल संरक्षणकर्ता
क्या संभव है बिन किसी शह के ऐसा घोटाला
अब तो नुक्कड़-नुक्कड़ पर यह चर्चा है कि इतना बड़ा घोटाला बिना किसी बड़े संरक्षण के संभव नहीं है। एक टीवी चैनल के आंकड़ें की माने तो प्रदेश में एक लाख से ज्यादा भर्तियां हुई हैं जो सभी संदिग्धों की सूचि में आ गई हैं।
राज्यपाल ने कई अभ्यार्थियों के लिए की थी सिफारिश
राज्यपाल पर आरोप है कि उन्होंने कई अभ्यार्थियों को सफल घोषित करवाने के लिए सिफारिश की थी। इसके बाद भी जांस एजंसी ने अभी तक राज्य पाल से कोई औपचारिक बातचीत नहीं की है। और नहीं इसको देखते हुए जांच आगे बढ़ाई है। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ टीम ने राज्यपाल के नाम का खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि राज्यपाल राम नरेश ने कई अभ्यार्थियों के लिए सिफारिश की थी। इस सिफारिश के अलावा राज्यपाल इस हद तक भी गए कि उन्होंने व्यापमं अधिकारियों को बुलाकर उन्हें महंगे गिफ्ट भी दिए।
इन पर क्यों नहीं अभी तक कार्रवाई
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का नाम भी शिवराज सिंह के सभी दावों की पोल खुल रही है। अब राष्ट्रीय स्वंय सेवक के पूर्व सरसंघचालक दिवंगत केएस सुदर्शन और सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी भी जांच की चपेट में आ गए हैं। खबर है कि केएस सुदर्शन और सुरेश सोनी ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में कई अभ्यार्थियों के लिए सिफारिशें की थीं। कहा जा रहा है कि अब इसके बाद कई और भी नामों का खुलासा हो सकता है जो चौकाने वाला होगा।
आखिर मुख्यमंत्री से क्यों नहीं पूछताछ
व्यापम घोटाले में कई आरोप इस तरह के भी सामने आए हैं कि मुख्यमंत्री तक पकड़ रखने वाले व उनके करीबियों ने सिफारिश लगाकर प्रतियोगी परिक्षाओं में घपला कर सफलता हासिल की है। हैरत की बात यह है कि जांच एजंसी की जांच मुख्यमंत्री की भूमिका को लेकर अभी एक रत्ती भी आगे नहीं बढ़ पाई है। और तो और रसूखदारों के नाम आरोपियों की लिस्ट में होने को लेकर एसटीएफ ने अचानक कदमों को पीछे खींचते हुए संशय खड़ा कर दिया है। खबर है कि एसटीएफ ने आरएसएस व भाजपा के मंत्रियों-नेताओं का घोटाले में शामिल होने से मना कर दिया है।