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भोपाल में कमला नेहरू अस्पताल के 6वें फ्लोर पर लगेगी जीनोम सिक्वेसिंग मशीन, प्रदेशभर के सैंपल की जांच होगी

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भोपाल, 25 जून। कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप का पता लगाने के लिए की जाने वाली जीनोम सिक्वेंसिंग अब जल्द ही राजधानी में शुरू होगी। कमला नेहरू अस्पताल के 6वें फ्लोर पर जीनोम सिक्वेसिंग मशीन लगाई जाएगी। मशीन दो हफ्ते में इंस्टॉल होने का अनुमान है।

Genome sequencing machine will be installed on 6th floor of Kamala Nehru Hospital in Bhopal,

इसका फायदा यह होगा कि प्रदेश के तमाम शहरों से लिए जाने वाले सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग यहां पर की जा सकेगी। पांच से सात दिन में इसकी रिपोर्ट भी आ जाएगी। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को दी। मंत्री सारंग ने बताया कि दिल्ली की नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के सहयोग से जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन यहां लगाई जा रही है। इसके लिए स्टाफ भी वहीं से दिया जाएगा। यही स्टाफ प्राप्त होने वाले सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग करेगा।

381 सैंपल में वायरस के तीन अलग-अलग वैरिएंट मिले

पिछले आठ महीने में प्रदेश के अलग-अलग शहरों से 2025 सैंपल भेजे जा चुके हैं। इनमें से अब तक 1220 सैंपल की रिपोर्ट ही प्राप्त हुई है। ऐसे में 805 सैंपल की रिपोर्ट एनसीडीसी में ही लंबित है। जिन सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है उनमें 381 सैंपल में कोरोना वायरस के तीन अलग-अलग वैरिएंट मिले हैं। 318 में डेल्टा (बी.1.617.2) इंडियन वैरिएंट, 56 सैंपल में अल्फा (बी.1.1.7) यूके वैरिएंट और 7 सैंपल में डेल्टा प्लस (एवाई.1) इंडियन वैरिएंट मिला है। जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था अभी दिल्ली, पुणे और भुवनेश्वर में है। यहां सैंपल भेजने पर रिपोर्ट आने में 20-22 दिन लग जाते हैं। अब यह समय बच सकेगा।

क्या है जीनोम सिक्वेंसिंग

जीनोम सिक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सिक्वेंसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है।

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15 दिन में भेजते हैं 150 सैंपल

प्रदेश के 150 सैंपल 15 दिन में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली-पुणे भेजे जाते हैं। गंभीर, दोबारा पॉजिटिव और टीका लगने के बाद भी पॉजिटिव आए मरीजों के सैंपल सरकारी मेडिकल कॉलेजों की लैब पहुंचाए जाते हैं। यहां से सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं।

भोपाल में एक और महिला में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला

इधर, भोपाल में डेल्टा प्लस के नए मरीजों के मिलने का सिलसिला अब तेज हो रहा है। गुरुवार को एनआईवी पुणे से मिली रिपोर्ट में साकेत नगर निवासी 65 वर्षीय महिला में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। बताया गया है कि महिला को कोरोना होने से पहले वैक्सीन का पहला डोज लग चुका था। महिला अभी पूरी तरह से स्वस्थ है। एम्स के माध्यम से महिला का सैंपल आठ जून को जीनोम सिक्वेसिंग के लिए भेजा गया था। राजधानी में इस वैरिएंट का यह दूसरा मरीज है, इससे पहले बरखेड़ा पठानी निवासी एक अन्य महिला में यह वैरिएंट मिल चुका है। वह महिला भी अब स्वस्थ हो चुकी है। इधर, मप्र में इस वैरिएंट के अब तक 6 केस मिल चुके हैं।

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Genome sequencing machine will be installed on 6th floor of Kamala Nehru Hospital in Bhopal,
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