रीवा: बारिश का मौसम शुरू होते ही टमाटर हुआ और लाल, सब्जियों के बढ़ रहे दामों से बिगड़ा बजट
रीवा 28 जून: विंध्य प्रदेश में मानसून से लोगों को गर्मी से राहत तो मिल गई है। लेकिन सब्जियों पर महंगाई की मार ने गरीबों की भी कमर तोड़कर रख दी है। एक ओर प्रशासनिक अधिकारी त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों की व्यस्तता में हैं। दूसरी ओर सब्जियों के थोक व फुटकर व्यापार करने वाले बिचौलिए बाजार में सक्रिय हो गए हैं। और बारिश के कारण अच्छी किस्म की सब्जियों का स्टाक दबा रहे हैं। जिसके कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसमें फुटकर व्यापारी भी जमकर फायदा कमा रहे हैं। जो सब्जी थोक बाजार में 35 से 55 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है उसे फुटकर व्यापारी 40 से 50 रुपये प्रतिकिलो तक बेचकर दोगुना फायदा कमाने में जुटे हुए हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी इससे अनजान बने हुए हैं। बाजारों में बेवजह सब्जियों का स्टाक कर रखने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं और गरीब परिवारों का बजट बिगड़ रहा है।
सतना टमाटर केंद्र
सब्जियों के मामले में सतना जिला टमाटर पैदावार के लिए जाना जाता है। जिले के देशी टमाटरों की मांग पूरे देशभर में है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने सतना को एक उत्पाद योजना में टमाटर संस्करण के लिए 11 जिलों में शामिल किया है। सर्वाधिक देसी टमाटर पैदावार के बावजूद सतना में भी इन दिनों टमाटर के दाम 70 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है।
व्यापारियों ने कहां और बढ़ेंगे अभी दाम
विंध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रही हरी सब्जियों के दाम पर जब वनइंडिया हिंदी द्वारा फुटकर व्यापारियों से इसका कारण पूछा गया तो वे भी मौसम और इस बार तेज गर्मी के कारण सब्जियां खराब हो गई है यह कारण गिनाने लगे। रीवा के सब्जी मंडी में संतोष विश्वकर्मा ने बताया कि अभी तो सब्जी महंगी होना शुरू हुआ है। और सब्जी के दाम बढ़ेंगे। वहीं एक अन्य आम व्यापारी फूलचंद द्विवेदी का कहना है कि अधिकारियों को अभी से सब्जी व्यापार और जमाखोरी पर लगाम लगाना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में और मुश्किल बढ़ सकती है। इस समय सबसे महंगी सब्जियों में टमाटर, परवल, गोभी, हरी धनिया, हरी मिर्च और शिमला सब्जियां शामिल है।