भोपाल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर शरीफ रहमान की US में गोली मारकर हत्या, परिजनों ने वीडियो कॉल पर देखा अंतिम संस्कार
भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर युवक की अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई। कोरोना गाइडलाइन के कारण बेटे का शव भारत नहीं लाया जा सका और न ही परिवारवालों को अमेरिका जाने की इजाज़त मिली। बेटे की मौत के ग़म में डूबे परिवार की उससे भी बड़ी बदनसीबी ये रही कि वो उसे मिट्टी तक न दे सके। वीडियो कॉल के ज़रिए उन्होंने अपने बेटे को सुपुर्द-ए-खाक होते देखा।
भोपाल के न्यू सुभाष नगर का था रहमान
राजधानी भोपाल के न्यू सुभाष नगर में रहमान फैमिली रहती है। उसका युवा बेटा शरीफ उर रहमान इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर नौकरी के लिए अमेरिका चला गया था। शरीफ की 31 मार्च की रात वहां के एक लोकल बदमाश मिलर ने गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी मिलर आदतन अपराधी है।
बीच बचाव करना पड़ा भारी
मृतक के भाई मुजीब उर रहमान खान ने बताया कि शरीफ रहमान खान जहां रहता था, उसी इलाके में मिलर किसी परिवार को प्रताड़ित कर रहा था। उसमें एक छोटी बच्ची भी थी। शरीफ बीच-बचाव करने गया और उस बच्ची को मिलर के चंगुल से मुक्त कराके उसकी जान बचाई।
अमेरिकी युवक मिलर ने मारी गोली
बाद में वो अपने अपार्टमेंट में लौट आया, लेकिन मिलर ने उसका पीछा किया तथा अपार्टमेंट के सामने ही शरीफ को गोली मार दी। आरोपी ने ताबड़तोड़ तीन गोली शरीफ को मारी जिससे उसकी वहीं मौत हो गई। बेटे की मौत की सूचना भोपाल में रह रहे परिवार को 31 मार्च को मिली। परिवार ने भारत और प्रदेश सरकार से याचना की कि उन्हें अमेरिका जाने दिया जाए, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के कारण परिवार को अमेरिका जाने की परमिशन नहीं मिली।
तीन बाद किया सुपुर्द ए खाक
हत्या के 3 दिन बाद शरीफ को अमेरिका में ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। परिवार तो उसे मिट्टी नहीं दे पाया, लेकिन एनजीओ और वहां के मुस्लिम नागरिकों ने मिलकर शरीफ को सुपुर्द ए खाक किया। परिवार ने वीडियो कॉल के ज़रिए अपने बेटे को सुपुर्द-ए-खाक होते देखा।