भिंड के सपूत सुमित कुशवाह का हुआ रणजी टीम मे चयन, सुमित ने बढ़ाया भिंड का मान
भिंड के अड़ोखर गांव के सुमित कुशवाह का रणजी ट्रॉफी के लिए रणजी टीम मे हुआ चयन।
भिंड,
11
मई।
डकैतों
के
लिए
कुख्यात
रहे
चंबल
के
भिंड
जिले
की
तस्वीर
अब
बदलने
लगी
है।
कल
तक
जिस
भिंड
के
बीहड़ो
से
डकैत
निकलते
थे,
अब
उन्हीं
बीहड़ो
के
गांव
से
प्रतिभाएं
निकल
रही
हैं।
अड़ोखर
गांव
के
सुमित
यादव
भी
इन्हीं
प्रतिभाओं
मे
से
एक
है,
जिनका
चयन
मध्यप्रदेश
की
रणजी
टीम
मे
हुआ
है।
सुमित
के
रणजी
टीम
मे
चयन
की
खबर
जब
से
मिली
है,
तब
से
सुमित
के
घर
से
लेकर
पूरे
गांव
मे
खुशी
का
माहौल
है।
सुमित
की
इस
उपलब्धि
पर
गांव
समेत
जिलेभर
के
लोग
सुमित
के
पिता
को
बधाईयां
दे
रहे
है।
भिंड
जिले
का
नाम
सुनते
ही
दिलो
दिमाग
मे
अपराध
से
जुड़ी
तस्वीरें
उभरने
लगती
है।
दशकों
तक
भिंड
के
बीहड़ो
मे
डकैतों
के
आतंक
का
साम्राज्य
कायम
रहा।
गोली
और
बोली
के
लिए
पहचान
बना
चुके
भिंड
जिले
की
छवि
पूरे
देश
मे
बदनाम
है।
बीहड़ो
से
डकैतों
का
सफाया
होने
के
बावजूद
यहां
अपराध
का
ग्राफ
लगातार
बढ़ता
रहा
है।
बीहड़
के
डकैतों
के
बाद
शहर
के
बदमाशो
ने
जिले
मे
अपराध
की
नई
ईबारत
लिखने
मे
कोई
कसर
नहीं
छोड़ी
है।
इन
सब
के
बीच
कुछ
युवा
ऐसे
भी
है
जो
भिंड
की
इस
बिगड़ी
हुई
छवि
को
सुधारने
मे
लगे
हुए
हैं।
भिंड
के
सुमित
कुशवाह
भी
ऐसे
ही
नवयुवा
हैं,
जिन्होने
मध्यप्रदेश
की
रणजी
टीम
मे
चयनित
होकर
भिंड
का
नाम
रोशन
करते
हुए
भिंड
की
छवि
को
सुधारने
का
काम
किया
है।
अपनी
कड़ी
मेहनत
और
परिवार
के
सहयोग
से
सुमित
ने
वो
कर
दिखाया,
जिसकी
किसी
की
को
उम्मीद
तक
नहीं
थी।
7
साल
से
प्रतिदिन
7
घंटे
की
क्रिकेट
की
प्रैक्टिस
सुमित
की
इस
सफलता
के
पीछे
उनकी
7
साल
की
कड़ी
मेहनत
जुड़ी
हुई
है।
सुमित
बताते
है
कि
बीते
7
साल
से
प्रतिदिन
7
घंटे
तक
क्रिकेट
की
प्रैक्टिस
करते
आ
रहे
है।
सुमित
बताते
है
कि
यहां
तक
पहुंचना
उनके
लिए
इतना
आसान
नहीं
था।
शुरुआत
मे
सुमित
के
परिजन
उसे
पढ़ाई
लिखाई
मे
मन
लगाने
के
लिए
कहते
थे
लेकिन
सुमित
का
ध्यान
क्रिकेट
के
बल्ले
मे
ही
लगा
रहता
था।
सुमित
ने
हिम्मत
करके
अपने
पिता
से
बात
की
और
क्रिकेट
मे
अपना
करियर
बनाने
की
इच्छा
जताई।
सुमित
की
लगन
देखकर
सुमित
के
पिता
ने
सुमित
का
दाखिला
खेल
एकेडमी
मे
करवा
दिया।
पिता
बनाना
चाहते
थे
डॉक्टर
लेकिन
बेटा
बन
गया
क्रिकेटर
सुमित
के
पिता
शिवसिंह
कुशवाह
एलआईसी
मे
कार्यरत
है।
शिवसिंह
अपने
बेटे
सुमित
को
डॉक्टर
बनाने
का
सपना
देख
रहे
थे
लेकिन
बेटे
की
दिल
की
बात
जानने
के
बाद
शिवसिंह
ने
अपने
सपने
को
भूलकर
बेटे
का
सपना
पूरा
करने
का
मन
बना
लिया।
शिवसिंह
अक्सर
अपने
घर
मे
कहा
करते
थे
कि
उनके
बेटे
के
खेल
की
वजह
से
उनके
घऱ
मे
मीडिया
आएगी।
रणजी
टीम
मे
सुमित
के
चयनित
होने
की
खबर
मिलने
पर
जब
मीडिया
सुमित
के
घर
पहुंची
तो
शिवसिंह
की
कही
बात
सच
हो
गई।
खुद
की
लगन
और
परिवार
के
सहयोग
की
वजह
से
सुमित
ने
बनाई
रणजी
टीम
मे
जगह
सुमित
के
कोच
रवि
कटारे
बताते
है
कि
सुमित
को
क्रिकेट
के
प्रति
लगन
तो
बचपन
से
ही
थी
लेकिन
परिवार
के
सहयोग
ने
सुमित
का
हौंसला
बढ़ाया।
यही
वजह
है
कि
सुमित
ने
रणजी
टीम
मे
अपनी
जगह
बना
ली
है।
कोच
रवि
कटारे
का
कहना
है
कि
सुमित
आने
वाले
समय
मे
टीम
इंडिया
मे
भी
अपना
स्थान
जरुर
बनाएगा।