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Karnataka Elections 2023: साल 2018 में किस समुदाय का किस पार्टी को कितने फीसदी वोट मिला?

Karnataka Chunav 2023: इस बार कर्नाटक में 9.17 लाख नए वोटर जुड़े हैं तो वहीं 1 अप्रैल को जिनकी उम्र 18 साल हो रही है, वे भी मतदान कर सकेंगे।

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 Karnataka Elections 2023:

Karnataka Elections 2023: कर्नाटक विधानसभा का चुनावी बिगुल बज उठा है। चुनाव आयोग ने आज विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस बार राज्य में एक ही चरण में चुनाव होंगे, मतदान 10 मई को होगा तो वहीं 13 मई को चुनावी नतीजे आएंगे।

राज्य में अचार संहिता लागू

चुनाव की तारीखों के ऐलान के ही साथ ही राज्य में अचार संहिता लागू कर दी गई है। आपको बता दें कि कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी तो वहीं, कांग्रेस ने 80 और JDS ने 37 सीटें जीती थी लेकिन जनता की ओर से किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। आपको बता दें कि राज्य में कुल 5,21,73,579 वोटर हैं।

कर्नाटक के चुनाव में नहीं मिला किसी को बहुमत

अगर साल 2018 के चुनावों की बात करें तो तब राज्य में कुल 72.13% मतदान हुआ जो कि साल 1952 के बाद से सबसे अच्छा वोटिंग प्रतिशत था। इस बार यहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वो बहुमत के जादूई आंकड़ों को छू नहीं पाई तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का वोटिंग प्रतिशत सुधरा था।

पिछली बार 222 सीटों पर चुनाव हुआ था

अगर अलग-अलग संप्रदाय और जाति वर्ग की बात करें तो 12 मई 2018 को राज्य की 222 सीटों पर चुनाव हुआ था, क्योंकि दो सीटों पर, एक पार्टी विधायक के निधन की वजह से और एक सीट पर फर्जी वोटर आईडी का मामला सामने आने की वजह से, चुनाव नहीं हुआ था। ये दोनों ही सीटें आरक्षित वर्ग की थी जिन पर बाद में चुनाव हुए थे। फिलहाल कर्नाटक में कुल 51 आरक्षित सीटों मे से 49 पर वोटिंग हुई थी जिसमें 20-20 सीटें तो कांग्रेस औऱ भाजपा को मिली थी, बाकी 9 में से 7 पर JDS, 1 पर बसपा और एक पर निर्दलीय की जीत हुई थी।

दलित समुदाय ने निभाया अहम रोल

इसके बाद बात करते करते हैं कर्नाटक के दलित समुदाय की, जिसने बीजेपी को 28 प्रतिशत, जेडीएस को 48 प्रतिशत और कांग्रेस को 18 प्रतिशत वोट किया था तो वहीं ओबीसी वर्ग का 37 प्रतिशत वोट बीजेपी को मिला था तो वहीं इस वर्ग के करीब 40 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया था। जबकि आदिवासियों की बातें करें तो इस वर्ग के 32 प्रतिशत लोगों ने बीजेपी को, 46 प्रतिशत लोगों ने जेडीएस को और 17 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया था। जबकि 40 प्रतिशत ईसाई समुदाय ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया था, तो वहीं 65 फीसदी मुस्लिमों का वोट कांग्रेस को मिला था।

बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी लेकिन बहुमत से दूर

15 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत से दूर रह गई थी और कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली थी। इस चुनाव से पहले जेडीएस किसी लड़ाई में नहीं थी लेकिन चुनावी नतीजों के बाद वो किंगमेकर बन गई थी।

पांच साल तीन मुख्यमंत्री और बहुत सारा सियासी घमासान

और इसी वजह से राज्य में गठबंधन की सरकार बनी और जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन मात्र 14 महीनों में ये गठबंधन टूट गया और राज्य में बीजेपी ने सरकार बनाई क्योंकि कुछ कांग्रेसी नेता भाजपा में शांमिल हो गए थे और इस बार सीएम बने बीएस येदियुरप्पा लेकिन दो साल बाद ही येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और इसके बाद बसवराज बोम्मई राज्य के मुख्यमंत्री बने और तब से राज्य में उनके नेतृत्व में भाजपा की सरकार चल रही है आपको बता दें कि 24 मई को इस विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है।

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English summary
The Election Commission of India on Wednesday announced the dates of the Karnataka Assembly election. Voting to be held on 10 May, result on 13 May. Which party got what percentage of votes in 2018, Here is details.
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