कर्नाटक: बच्चों में बढ़ा रहा कोरोना संक्रमण, तीन हफ्तों में डराने वाले आंकड़े आए सामने
बेंगलुरु, 26 जुलाई: कोरोना की दूसरी लहर हालांकि अब शांत हो गई है, लेकिन देश के कुछ राज्यों में अभी भी कोरोना के नए मामले अधिक संख्या में सामने आ रहे है। इस बीच जहां सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं कर्नाटक में पिछले तीन हफ्तों में बच्चो में कोरोना के मामलों के अनुपात में इजाफा देखने को मिला है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 0-9 वर्ष की उम्र के बच्चे मई में राज्य से रोजाना सामने आने वाले आंकड़ों में जहां 3.5 फीसदी था। वो जून में बढ़कर 4% हो गया और अब जुलाई में बढ़कर 4.4% हो गया है। वहीं 0 से 17 साल की आयु वाले वर्ग का रेट राज्य भर में लगातार 8% से 9% बना हुआ है।
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इधर आंकड़ों के अलावा जमीनी स्तर पर भी बाल रोग विशेषज्ञों ने वृद्धि को नोटिस किया है। एस्टर सीएमआई अस्पताल के पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजिस्ट और थर्ड वेव कमेटी के सदस्य डॉ. श्रीकांत जेटी ने कहा है कि पिछले कुछ हफ्तों में हमने कोरोना को लेकर बच्चों को अस्पताल आते देखा है। उन्होंने कहा कि अब तक के सभी सबूतों से लगता है कि माता-पिता बच्चों को संक्रमण से गुजर रहे थे। इसके लिए बहुत सारे कारण हैं। विशेष रूप से प्रतिशोध के साथ पर्यटन (रिवेंज टूरिज्म), टेस्टिंग रिजल्ट के आने में देरी और वयस्क आबादी की सामान्य गतिशीलता में वृद्धि का होना। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसे तीसरी लहर की शुरुआत कहना अभी जल्दबाजी होगा।
वहीं जीनोमिक निगरानी समिति के सदस्य डॉ. विशाल राव ने कहा कि अब तक के सभी संकेतों से डेल्टा वैरिएंट है, जो बच्चों में संक्रमण पैदा कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट अभी भी एक चिंता का विषय है, क्योंकि यह निर्धारित करने के लिए अध्ययन नहीं किया गया है कि यह कुछ आयु समूहों, विशेष रूप से बच्चों को कैसे प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमें 18 साल से कम उम्र के लोगों पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है।
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बाल बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि वे कोविड-19 से संक्रमित प्रत्येक 100 बच्चों में एमआईएस-सी का एक मामला देख रहे हैं। कर्नाटक में जुलाई में बच्चों के 4,538 कोविड-19 मामलों की पहचान की गई है। स्टेट कोविड वॉर रूम के अनुसार 12 मार्च (दूसरी लहर की शुरुआत) से 23 जुलाई तक बच्चों में 61,894 और किशोरों (10-19) में 1,56,798 मामले दर्ज किए गए हैं।