'स्कूल में जानवर आ गए, इसलिए हमारी छुट्टी है', ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को विद्यालय में लाकर छोड़ा
अमेठी। स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में किसानों ने जिला प्रशासन से अपनी नाराजगी का ठीकरा स्कूली बच्चों पर फोड़ दिया। आवारा पशुओं के चलते हो रही फसल की बर्बादी पर किसानों ने पांच दर्जन से ऊपर पशुओं को प्राइमरी स्कूल में लाकर बंद कर दिया। ऐसे में पूरे स्कूल में जानवरों का कब्जा देख स्कूल के टीचरों ने बच्चों की स्कूल की छुट्टी कर प्रशासनिक अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है।
मामला ब्लॉक संग्रामपुर के खौपुर बुजुर्ग प्राइमरी स्कूल से जुड़ा है। यहां स्कूल के छात्र ने बताया, 'मेरे विद्यालय में जानवर आ गए हैं, इसलिए छुट्टी है। हमारे सर ने हमारी छुट्टी की है'। दरअसल ग्रामीण आवारा पशुओं से परेशान थे। अपनी परेशानी और प्रशासन की लापरवाही से नाराज होकर ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को गांव के ही प्राथमिक स्कूल के बाउंड्री के अंदर लाकर छोड़ दिया। ग्रामीणों का कहना है कि बड़े पैमाने पर ये जानवर उनकी फसलों का नुक़सान कर चुके हैं।
विधायक प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह का कहना है कि ये समस्या आजतक सीमित रहेगी। इसकी जानकारी ली गई है। उन्होंने बताया कि प्रतापगढ़ से चार लारियां आकर रात ही रात सारे जानवर उतार करके चली गई हैं। गांव वालों ने रात से लेकर सुबह तक जानवरों को बटोरा और स्कूल में किया जो की गैर कानूनी है। एसडीएम से बात की है, सारे जानवरों को अलग-अलग जो चारागाह बनाए गए हैं वहां भेजा जा रहा है।
ऐसा ही मामला इसी ब्लॉक के चन्देरिया ग्रामसभा के मोहनपुर में भी सामने आया है। यहां लगभग 30 से 40 आवारा पशु को स्कूल में इकट्ठा किया गया है। विद्यालय परिसर के अंदर आवारा पशु की भीड़ जमा देख टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पेड़ के नीचे जा बैठे। इसकी सूचना जब लेखपाल को हुई तब लेखपाल ने उपजिलाधिकारी को सूचना दी। अंत में उपजिलाधिकारी द्वारा एक ट्रक भेज कर आवारा पशु को ट्रक से भेजे जाने का आदेश किया है।
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