सपा से नाराज मौलवियों ने अखिलेश को भेजा पत्र, पूछा- क्यों किसी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट?
Prayagraj news, प्रयागराज। लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी से मुस्लिमों की नाराजगी अब सामने आने लगी है। जिससे समाजवादी पार्टी की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। मुस्लिम समुदाय ने मुस्लिमों को टिकट न दिये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और समाजवादी पार्टी पर सवाल उठाए हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बाद उतरी है और उसके पास सीटें सीमित हैं। लेकिन इन सीमित सीटों में मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या पर मुस्लिम धर्म गुरुओं ने कड़ी आपत्ति जताई है और अखिलेश को पत्र भेजकर फूलपुर व इलाहाबाद से मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की करी है।
कानपुर से गाजीपुर तक नहीं दिया टिकट
मस्लिम धर्म गुरुओं की ओर से भेजे गए खुले पत्र में कहा गया है कि सपा ने कानपुर से लेकर गाजीपुर तक एक भी टिकट मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं दिया है। जिसकी वजह से मुस्लिम समुदाय व इस्लामिक धर्म गुरुओं में निराशा है। क्या मुस्लिमों को सीट न देना उनकी रणनीति है? पत्र में कहा गया है कि फूलपुर व इलाहाबाद में मुस्लिम वोटों की संख्या 4 लाख से अधिक है। ऐसे में यहां से मुस्लिम प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाना चाहिये।
नमाज के बाद लिखा गया पत्र
गौरतलब है कि प्रयागराज स्थित जामा मस्जिद में नमाज के बाद मुस्लिम धर्म गुरुओं की अगुवाई में समुदाय की बैठक हुई। जिसमें मुसिलमों के प्रतिनिधत्व पर चिंता व्यक्त करते हुये समाजवादी पार्टी की नीति पर सवाल उठाये गये। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने कहा कि जब हम सपा का सपोर्ट कर रहे हैं तो उन्हें भी हमारा ख्याल रखना चाहिये। आज हमारी आबादी 20 प्रतिशत से अधिक है और ऐसे में हमारे समुदाय के दावेदारों को टिकट ना देना निराशाजनक है। जानकारी देते हुये मुस्लिम धर्म गुरु शुहैबुर्रहमान ने बताया कि हमने अखिलेश यादव को पत्र लिखा है और मांग की है वह इलाहाबाद व फूलपुर से मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दें अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
निर्णायक भूमिका में मुस्लिम
गौरतलब है कि इलाहाबाद संसदीय सीट व फूलपुर संसदीय सीट पर मुस्लिम मतदाता पिछले एक दशक से निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। लगातार बढ़ती संख्या के बाद इनके वोटों की एक जुटता सपा के लिऐ मुफीद स्थिति भी बना रही है। बसपा के साथ में आ जाने के बाद वोटों का एक स्थान पर पड़ने की संभावना भी अधिक है। जबकि कांग्रेस से बढ़ी हुई दूरी का फायदा भी गठबंधन को मिल सकता है। मुस्लिम प्रत्याशी आने से मुस्लिम वोटों के एक तरफा पड़ने की उम्मीद है, लेकिन अन्य वोटों की गणित पर प्रभाव पड़ेगा। खासकर फूलपुर क्षेत्र में बैकवर्ड वोटों को संजोये रखना गठबंधन के लिये मुश्किल होगा।