डेंगू मरीज को मौसम्बी का जूस चढाने वाला अस्पताल सील, डिप्टी सीएम के दखल के बाद प्रशासन सख्त
डेंगू की रफ्तार जिस तरह से प्रदेश में बढ़ी है, इस बार खेल प्लेटलेट्स का शुरू हो गया है। इसी बीच एक अजीब घटना देखने को मिली, जिसमे डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह कथित तौर पर मौसम्बी का जूस चढ़ा दिया गया। इसके बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी और कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। मरीज के परिजनों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर पूरे मामले को सामने लाया, अब अस्पताल को सील कर दिया गया और मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
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प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज को दिक्कत हुई
दरअसल
11
अक्टूबर
को
प्रयागराज
के
धूमनगंज
स्तिथ
एक
निजी
अस्पताल,
ग्लोबल
हॉस्पिटल
में
डेंगू
का
एक
मरीज
भर्ती
हुआ
था।
मरीज
की
हालत
थोड़ी
गंभीर
थी।
जांच
के
बाद
पता
चला
की
मरीज
का
प्लेटलेट्स
का
स्तर
गिरकर
17,000
पर
आ
गया
है
और
मरीज
को
प्लेटलेट्स
चढ़ाना
अनिवार्य
है।
इसी
के
चलते
मरीज
प्रदीप
पांडेय
के
तीमारदारों
को
प्लेटलेट्स
लाने
को
कहा
गया।
मरीज
के
तीमारदार
स्वरूप
रानी
नेहरु
(एसआरएन)
चिकित्सालय
से
पांच
यूनिट
प्लेटलेट्स
लेकर
आए,
लेकिन
तीन
यूनिट
प्लेटलेट्स
चढ़ाने
के
बाद
मरीज
को
दिक्कत
हुई
तो
चिकित्सकों
ने
प्लेटलेट्स
चढ़ाना
बंद
कर
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
प्लेटलेट्स
की
जांच
करने
की
कोई
सुविधा
उनके
अस्पताल
में
नहीं
है।
कोरोना
काल
के
दौरान
रेमेडिसिविर
को
लेकर
जिस
प्रकार
की
कालाबाजारी
का
खेल
चला,
अभी
प्लेटलेट्स
का
चल
रहा
है।
इसको
लेकर
प्रशासनिक
स्तर
पर
पहले
तो
कार्रवाई
होती
रही
है,
लेकिन
प्रयागराज
के
मामले
ने
खेल
को
खोला
है।
इस
पर
प्रशासनिक
कार्रवाई
की
जरूरत
है।
हालांकि
शुरुआती
तफ्तीश
में
पुलिस
को
यह
जानकारी
मिली
है
कि
प्रयागराज
में
इन
दिनों
एक
गिरोह
सक्रिय
होकर
मिलावटी
खून
व
प्लेटलेट्स
का
गोरखधंधा
कर
रहा
था.
अस्पताल मालिक और परिजनों में गहराया विवाद
अस्पताल
के
मालिक
सौरभ
मिश्रा
ने
कहा
कि
जो
प्लेटलेट्स
मरीज
को
नहीं
चढ़ाए
गए,
उनकी
जांच
कराई
जानी
चाहिए
कि
ये
प्लेटलेट्स
कहां
से
लाए
गए।
उन्होंने
कहा
कि
प्लेटलेट्स
की
बोतल
पर
एसआरएन
का
स्टिकर
लगा
हुआ
है।
डीएम
संजय
कुमार
खत्री
ने
प्लेटलेट्स
की
जांच
के
बारे
में
पूछे
जाने
पर
कहा
कि
प्लेटलेट्स
की
जांच
भी
हो
जाएगी।
हम
इस
पूरे
मामले
की
जांच
कराएंगे।
मरीज
की
मौत
के
बाद
परिजनों
में
इस
लापरवाही
को
लेकर
बेहद
आक्रोश
था,
जिसके
चलते
मरीज
के
परिजनों
ने
सोशल
मीडिया
पर
वीडियो
जारी
कर
पूरे
मामले
को
सामने
लाया।
उन्होंने
मरीज
को
चढ़ाए
गए
प्लेटलेट्स
को
फर्जी
करार
दिया।
कहा
कि
यह
मोसंबी
का
जूस
है।
इसे
मरीज
को
गलत
तरीके
से
चढ़ाया
गया।
इनका
कहना
है
कि
17
अक्टूबर
को
यहां
मरीज
को
भर्ती
कराया
फिर
नौ
हजार
रुपए
में
प्लेटलेट्स
खरीदा,
जिसे
चढ़ाने
के
बाद
मरीज
की
मौत
हो
गई.
डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जानकारी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को मिली। वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि पैकेट में प्लेटलेट्स था या मौसमी का जूस, इसकी जांच के लिए उसे भेजा गया है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस का कहना है कि डेंगू मरीजों को फर्जी प्लाज्मा सप्लाई किए जाने की जांच की जा रही है और कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है.
क्या होते हैं प्लेटलेट्स ?
प्लेटलेट्स हमारे शरीर की ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो ब्लड को बहने से रोकती है. शरीर में किसी इंजरी या अन्य कारण से वेसल्स से ब्लीडिंग होने पर प्लेटलेट्स की मदद से ब्लड को रोका जाता है. लो प्लेटलेट्स की संख्या नियमित शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. यदि किसी स्थिति में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी या वृद्धि होने लगता है तो कई तरह की बीमारियाँ होना शुरू हो जाती हैं. आमतौर प्लेटलेट्स की कमी समस्या का कारण बनती है। प्लेटलेट्स काउंट में कमी होने पर विभिन्न प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं. प्रेगनेंसी के कारण प्लेटलेट्स काउंट में मामूली गिरावट आ सकती है. जबकि प्लेटलेट्स काउंट में अत्यधिक गिरावट होने पर निरंतर ब्लीडिंग के लक्षण देखें जाते हैं. इस दौरान ब्लीडिंग इतना अधिक होता है कि आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के प्रति माइक्रोलिटर रक्त में 150,000 से लेकर 450,000 प्लेटलेट्स होती है. जब प्लेटलेट्स की संख्या 150,000 प्रति माइक्रोलिटर के नीचे होती है, तो इसे कम प्लेटलेट्स संख्या माना जाता है.
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