अखाड़ा परिषद ने CM योगी से पूछा- लॉकडाउन में शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो मंदिरों के दरवाजे बंद क्यों?
प्रयागराज। लॉकडाउन 3.0 में शराब की दुकानें खोले जाने के बाद अब मंदिरों को भी आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की मांग उठने लगी है। वहीं, दूसरी ओर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा है। उन्होंने कहा कि जब शराब की दुकानें खोली हैं, तो देवालयों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए क्यों बंद रखे गए हैं? उन्होंने योगी सरकार से सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सभी छोटे-बड़े मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की मांग की है।
धर्माचार्यों
ने
की
यह
मांग
हरिद्वार
के
धर्माचार्यों
और
काशी
विद्वत
परिषद
के
बाद
अब
साधु-संतों
की
सर्वोच्च
संस्था
अखिल
भारतीय
अखाड़ा
परिषद
ने
भी
लॉकडाउन
में
मंदिर
श्रद्धालुओं
के
लिए
खोले
जाने
की
मांग
की
है।
महंत
नरेंद्र
गिरी
ने
कहा
है
कि
मंदिर
खोले
जाने
की
मांग
को
लेकर
अखाड़ा
परिषद
के
महामंत्री
और
पंच
दशनाम
जून
अखाड़े
के
संरक्षक
महंत
हरि
गिरि
से
बातचीत
के
बाद
देश
के
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी,
गृह
मंत्री
अमित
शाह
और
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
को
एक
पत्र
भी
लिखेंगे।
'मंदिर
के
पुजारियों
को
वेतन
देने
में
हो
रही
दिक्कत'
महंत
नरेंद्र
गिरी
ने
कहा
कि
कोरोना
को
लेकर
पिछले
डेढ़
माह
से
लॉकडाउन
है
और
लगभग
दो
माह
से
मंदिरों
के
कपाट
बंद
हैं।
ऐसे
में
मंदिरों
में
पुजारियों
और
अन्य
कर्मचारियों
को
वेतन
देने
में
भी
बहुत
कठिनाई
आ
रही
है।
जब
राजस्व
के
लिए
सरकार
शराब
की
दुकानें
खोले
जाने
की
अनुमति
दे
सकती
है,
तो
उसे
दूसरी
दुकानें
और
मंदिरों
को
भी
खोले
जाने
की
अनुमति
दे
देनी
चाहिए।
जिससे
लोगों
की
रोजी-रोटी
भी
चलती
रहे।
'...सख्ती
से
कराएंगे
प्रोटोकॉल
का
पालन'
महंत
नरेंद्र
गिरी
ने
कहा
कि
सरकार
यदि
मंदिर
खोलने
की
अनुमति
देती
है
तो
कोरोना
के
संक्रमण
से
बचाव
के
लिए
मंदिर
प्रबंधन
सभी
नियमों
और
प्रोटोकॉल
का
भी
पालन
करेंगे।
उन्होंने
कहा
है
कि
मंदिर
खुलने
से
लोग
यदि
मंदिर
में
दर्शनों
को
जाएंगे
तो
अपने
आराध्य
से
कोरोना
को
खत्म
करने
की
प्रार्थना
भी
करेंगे।
उन्होंने
कहा
है
कि
सनातन
परम्परा
में
लोगों
का
ऐसा
विश्वास
है
कि
वे
आराधना
करेंगे
तो
उनके
कष्ट
दूर
होंगे।
लेकिन
मंदिर
बंद
होने
से
लोग
अपने
आराध्य
से
प्रार्थना
भी
नहीं
कर
पा
रहे
हैं।
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