Aligarh train accident: रेलवे अधिकारी ने मौत की कीमत लगाई 15 हजार, पिता ने लेने से किया इंनकार

नीलांचल एक्सप्रेस में युवक की मौत के मामले में रेलवे के अधिकारी ने पिता को ₹15 हज़ार रुपये देकर मरहम लगाने की कोशिश की। लेकिन पिता ने पैसे लेने से इनकार कर दिया। वही मृतक के भाई राकेश दुबे ने कहा कि किसी की मौत की कीमत नहीं लगानी चाहिए। परिजनों ने रेलवे के लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ शख़्त कार्रवाई की मांग की है। वही मृतक हरकेश के पिता संतराम दुबे ने मृतक बेटे की पत्नी के लिए रेलवे से नौकरी की मांग की है। हालांकि रेलवे के अधिकारी ने निराशाजनक बात कहते हुए मृतक के परिजनों से कहा कि आप कोर्ट जाइए और वहीं से आपको रेलवे विभाग से कुछ रिलीफ मिल सकेगा।

मौत की कीमत 15 हजार रुपये लगाई
मृतक के पिता संत राम दुबे ने बताया कि रेलवे के एक अधिकारी जिनका नाम एस के शुक्ला बताया जा रहा है, मुआवजे के रूप में ₹15 हज़ार रुपये दे रहे थे। लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया। पिता संतराम दुबे ने कहा कि मृतक के दो छोटे बच्चे हैं और उनके जीवन यापन के लिए रेलवे मृतक की पत्नी को नौकरी दें और मुआवजा दे। वहीं उन्होंने कहा कि बेटे की मौत के लिए रेलवे विभाग जिम्मेदार है। इससे पहले कभी ऐसी लापरवाही पूरे हिंदुस्तान में आजतक सामने नहीं आई है।
मृतक के भाई राकेश ने बताया रेलवे की लापरवाही से हरकेश की मौत हुई। रेलवे के अधिकारी भाई के मौत की कीमत 15 हजार रुपये दे कर लगा रहे थे। भाई राकेश ने कहा कि किसी की जान की कीमत नहीं हो सकती, इसलिए जिस भी कर्मचारी लापरवाही की लापरवाही हैं उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही चाहता हूं। उन्होंने कहा कि पत्नी और बच्चों के लालन-पालन के लिए उचित मुआवजा दिया जाए। रेलवे की तरफ से मृतक की पत्नी के लिए नौकरी की मांग की है।

ऐसे हुआ था हादसा
2 दिसंबर यानी की कल अलीगढ़ जिले के सोमना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर उस समय एक बड़ा हादसा हो गया था, जब दिल्ली से कानपुर जा रही नीलांचल एक्सप्रेस गाड़ी के सेकंड कोच की सीट नंबर 15 पर बैठकर यात्रा कर रहे एक यात्री की गर्दन से होकर एक लोहे की रॉड आर- पार हो गई, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। शुरुवाती जांच में घटनास्थल को देखकर ऐसा लग रहा ही कि विंडो का कांच तोड़कर रॉड यात्री के सिर में घुसी है। यात्री की पहचान सुल्तानपुर के हरिकेश दुबे पुत्र संतराम निवासी गोपीनाथपुर सुल्तानपुर के रूप में हुई थी। वहीं सूचना पर आरपीएफ,सीआरपीएफ और रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी करने में जुट गए थे। उसके उपरांत आज यह मामला सामने आया की मृतक के परिवार को मात्र 15 हजार के मुआवजे का मरहम लगाने की कोशिश की गई है।