हरियाणा सरकार के बाद गुजरात सरकार भी स्कूल खोलने के लिए जुटी, यह है NCERT की योजना
अहमदाबाद। कोरोना-महामारी के प्रकोप के बीच हरियाणा के बाद अब गुजरात सरकार भी स्कूलों को खोलने के पक्ष में है। राज्य शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ स्कूल प्रशासन एवं पालकों से तालमेल रखकर इस बारे में सुझाव मांगे गए हैं। इसी प्रकार 15 अगस्त के बाद स्कूलों को खोलने या न खोलने पर फैसला लिया जाएगा।
स्कूलों को खोलने पर नीति-निर्धारण की तैयारी की जा रही
अनलॉक-1 के 12 दिन बीत चुके हैं और अब खबर है कि, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के दिशा-निर्देश, स्वास्थ्य विभाग और गृह विभाग के सुझावों के साथ गुजरात में कोविड-19 की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार आगामी निर्णय लेगी। सुनने में आया है कि, राज्य के शिक्षा विभाग द्धारा स्कूलों को खोलने पर नीति-निर्धारण की तैयारी की जा रही है। यदि सबकुछ सही रहा तो सबसे पहले कक्षा 11 और 12 की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। फिर 2-3 सप्ताह के बाद अन्य कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
सबसे पहले 11-12वीं की कक्षा बुलाई जाएंगी?
मालूम हो कि,देश में स्कूलों खोलने हेतु एनसीईआरटी के तहत ड्राफ्ट प्लान तैयार किया गया है, जिसमें सबसे पहले कक्षा 11 और 12वीं की कक्षा के विद्यार्थियों को सबसे पहले स्कूल बुलाने की बात कही जा रही है। साथ ही क्लास में 30 से 35 स्टूडेंट्स को एक दूजे से 6 फिट की दूरी पर बिठाए जाने के सुझाव मिले हैं। इसके लिए, सरकार 15 अगस्त तक स्थिति की समीक्षा करेगी।
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यह है एनसीईआरटी का ड्राफ्ट प्लान
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स्कूल
में
एसी
बंद
रखना,
खिड़कियां
खुली
रखकर
स्टूडेंट्स
को
पढ़ाना
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सभी
स्टूडेंट्स
को
अपनी
पानी
की
बोतल
स्वयं
इस्तेमाल
करनी
होंगी
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किसी
दूसरे
व्यक्ति
के
साथ
अपना
पानी
या
नाश्ता
शेयर
नहीं
करना
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बेंच
पर
छात्रों
के
नाम
हो,
ताकि
कोई
छात्र
अपनी
निर्धारित
जगह
पर
ही
रोज
बैठे
-
सुबह
की
असेंम्बली
पर
रोक
लग
जाए
-
लंच
का
टाइम
भी
10
से
15
मिनट
ही
हो,
सभी
क्लासरूम
में
बैठकर
ही
लंच
करें