क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बेकार पड़े हुए हैं दुर्घटना मुआवजों पर टैक्स के 600 करोड़ रुपए

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 28 जनवरी। सड़क दुर्घटना के मामलों में जब पीड़ितों को बीमा कंपनी से मुआवजा मिलता है तब कंपनियां मुआवजे में से 10 से 20 प्रतिशत की दर पर टीडीएस काट लेती हैं. यह टीडीएस इनकम टैक्स विभाग के पास जमा हो जाती है और पीड़ित अपने इनकम टैक्स रिटर्न्स भरते समय इसे विभाग से वापस मांग सकते हैं.

लेकिन पिछले कई सालों से मुआवजों पर कटा हुआ यह टीडीएस विभाग के पास जमा होता जा रहा है और अब इसका मूल्य 600 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा का हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जताई है और सरकार से इन पैसों को लोगों को लौटाने के तरीके खोजने के लिए कहा है.

600 करोड़ से कहीं ज्यादा

इसी समस्या से जुड़े एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं एन विजयराघवन और विपिन नायर ने अदालत को बताया कि लावारिस पड़ी यह धनराशि 2017 में ही 600 करोड़ हो गई थी और अब तो यह कई गुना बढ़ गई होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस धनराशि को लौटाने का तरीका खोजने के आदेश दिए हैं

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि संभव है कि जिन लोगों को यह टीडीएस सरकार से वापस मांग लेना चाहिए था उन्हें इसके बारे में जानकारी ना हो. पीठ ने यह भी कहा कि संभव है कि उन लोगों की आय भी कम हो और वो इनकम टैक्स के दायरे में ही ना आते हों.

पीठ ने कहा कि ऐसे में केंद्र सरकार को इसके बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए और यह राशि लोगों तक वापस पहुंच सके इसका कोई रास्ता निकालना चाहिए.

टीडीएस सही या गलत

इसी मुकदमे के दौरान पीठ के सामने यह समस्या भी लाई गई थी कि इस टीडीएस को कहीं 10 प्रतिशत की दर से काटा जाता है तो कहीं 20 प्रतिशत और इसके लिए एक दर निर्धारित करने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि 10 प्रतिशत दर को ही सामान्य दर बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

यह बहस भी छिड़ी हुई है कि मुआवजों पर टीडीएस लगना चाहिए या नहीं

कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने एक जान याचिका भी आई थी जिसमें अधिवक्ता अमित साहनी ने मांग की थी कि दुर्घटना मुआवजों के मामलों में टीडीएस काटना गलत है और इसे रद्द कर देना चाहिए. लेकिन दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को यह कह कर नामंजूर कर दिया था कि याचिकाकर्ता इस प्रावधान से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित नहीं है.

अदालत ने कहा था कि इस तरह की याचिका किसी पीड़ित व्यक्ति द्वारा ही लाई जानी चाहिए और इसे जन याचिका के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता. इतना कह कर अदालत ने याचिका में इस तरह की टीडीएस की वैधता पर उठाए गए सवाल पर टिप्पणी करने से मना कर दिया था.

Source: DW

Comments
English summary
600 crores worth tds on accident claims lying unclaimed
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X