टुंडा ने खोली जुबान, IM आंतकी यासीन भटकल नेपाल से गिरफ्तार
नयी दिल्ली। इंडियन मुजाहिदीन का मोस्ट वांटेड आंतकवादी यासीन भटकल नेपाल से गिरफ्तार कर लिया गया है। एनआईए की टीम ने उसे नेपाल से गिरफ्तार किया है। इंडियन मुजाहिदीन का ये मोस्ट वाडेंट आंतकी कई आंतकी वारदातों में शामिल था। भारत में उसके ऊपर 10 आंतकी हमलों में जांच चल रही है। यासीन इंडियन मुजाहिदीन का कमांडर है। यासीन भटकल को नेपाल की सोनौली सीमा से गिरफ्तार किया गया है।
10 से ज्यादा आंतकी वारदातों में मोस्ट वांटेंड आंतकी यासीन के साथ उसके एक सहयोगी असदुल्लाह को भी एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया है। इन सभी की गिरफ्तारी लश्कर-ए-तैयबा के गिरफ्तार आंतकवादी अब्दुल करीम टुंडा की निशानदेही पर की गई है। एनआईए की पूछताछ के दौरान टुंडा ने भटकल के बारे में जानकारी दी थी। टुंडा के बताए ठिकाने से यासीन को गिरफ्तार किया गया। भारत के 12 राज्यों की पुलिस को आंतकवादी यासीन भटकल की तलाश थी।
आंतक के खिलाफ एनआईए की ये बड़ी कामयाबी है। नेशनल इनवेटिंगेशन एजेंसी ने यासीन भटकल को नेपाल से लेकर दिल्ली लौट रही है। 40 साल के यासीन भटकल का असली नाम अहमद सिद्दीबप्पा है। एनएसए की टीम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बात की जानकारी दी है। पीएम ने यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर एनआईए की टीम को बधाई दी है। कई आंतकी हमलों में यासीन की तलाश की जा रही थी। उसका हाथ अहमदाबाद, सूरत, जयपुर धमाकों में है।
नेपाल से गिरफ्तार यासीन भटकल पर धमाकों के आरोप
2008-सूरत, जयपुर, अहमदाबाद धमाकों का मास्टरमाइंट
2010- वाराणसी घाट धमाके का आरोपी
2011- पूणे के जर्मन बेकरी दमाका और मुबंई बलास्ट में हाथ
2013- हैरादबाद और बैंगलोर धमाकों का मास्टमाइंड
इन धमाकों के अलावा दिल्ली के जामा मस्जिद बलास्ट में भी इंडियन मुजाहिदीन के कमांडर यासीन भटकल का हाथ था। एनआईए को उसकी तलाश काफी लंबे समय थे। आज उसे नेपाल से गिरफ्तार कर टीम ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।
कौन
है
यासीन
भटकल?
1973
में
जन्मा
यासीन
मूल
रूप
से
कर्नाटक
के
एक
तटीय
गांव
भटकल
का
रहने
वाला
है।
उसकी
शुरुआती
शिक्षा
अंजुमन
हमी
ए
मुसलीमीन
नाम
के
मदरसे
में
हुई
थी
1980
के
दशक
की
शुरुआत
में
वह
पुणे
आ
गया
था।
बाद
में
यासीन
शाहबंदरी
भाइयों
के
नाम
से
कुख्यात-
रियाज
और
इकबाल
भटकल
के
संपर्क
में
आया।
इन्होंने
ही
इंडियन
मुजाहिदीन
की
नींव
रखी
थी।
यासीन
के
बारे
में
खुफिया
एजेंसियों
के
अधिकारी
कहते
हैं
कि
उसकी
गतिविधियों
पर
नजर
रख
पाना
बहुत
मुश्किल
है,
क्योकि
वो
भेष
बदलने
में
माहिर
है।
2008
में
कोलकाता
पुलिस
ने
नकली
नोट
मामले
में
उसे
गिरफ्तार
किया
था,
लेकिन
1
महीने
के
बाद
वो
जमानत
पर
छूट
गया।
दिलचस्प
बात
ये
थी
कि
कोलकाता
पुलि
उसे
पहचान
ही
नहीं
पाई
कि
वो
आंतकी
यासीन
भटकल
है।