आरटीआई पर मनमोहन सिंह बचाव की मुद्रा में
इस मुद्दे पर अरूणा ने प्रधानमंत्री को एक लाख लोगों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भी सौंपा। गौरतलब है कि यह बिल इसी सप्ताह संसद में रखा जाएगा और उम्मीद की जा रही है कि इसी मानसून सत्र में यह बिल पास भी हो जाएगा क्योंकि इसे लेकर सभी दलों में आम सहमति बन चुकी है। इसी वर्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के कार्यभार से मुक्त होने वाली अरूणा ने सलाह दी है कि इस बिल को एक स्टैंडिंग कमेटी बनाकर उसके पास भेजा जाय और आम जनता से इस पर राय ली जाय।
वहीं इस मसले पर प्रधानमंत्री ने बचाव की मुद्रा में कहा है कि इस बिल पर सभी दलों में आम सहमति बन चुकी है। केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा जून में यह आदेश दिया गया कि देश की 6 राजनीतिक पार्टियों को जिनमें से कांग्रेस और भाजपा भी हैं, को आम जनता को यह बताना होगा कि उन्हें फंड कितना मिलता है और कौन देता है। जिसके खिलाफ सभी राजनीतिक दल एकमत हो गये हैं और उनका कहना है कि इस बिल को मानने पर उनका काम करना मुश्किल हो जाएगा। आर्थिक मसले पार्टियों का अंदरूनी मामला है।