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57 मौतों के बाद मनमोहन-सोनिया को याद आया असम

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Manmohan Singh, Sonia Gandhi
गुवाहाटी। पिछले चार-पांच दिनों में असम में सैंकड़ों वाहन और घर जलकर खाक हो गये। 57 की मौत हुई और लाखों बेघर हो गये। इतना सब होने के बाद भी केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। राज्‍य सरकार ने जब केंद्रीय सुरक्षा बल से स्थिति नियंत्रित कराने का आग्रह किया तो जवाब मिला जब तक केंद्र से हरी झंडी नहीं मिलेगी, तब तक वो एक कदम भी नहीं बढ़ सकते। इतना सब होने के बाद अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी किस मुंह से असम का दौरा करने जा रहे हैं?

पीएम और कांग्रेस अध्‍यक्ष शनिवार को असम के हिंसा पीडित क्षेत्र कोकराझार सहित अन्‍य जिलों का दौरा करेंगे। असम के मुख्‍यमंत्री तरूण गोगोई ने हिंसा में मरे 57 लोगों की मौत का जिम्‍मेदार केंद्र सरकार को बताया था। शायद इसी कारण मनमोहन के साथ सोनिया गांधी भी हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने निकल पड़ीं। सवाल यह उठता है कि पीएम साहब और सोनिया मैडम को पीडि़तों की चिंता है, या अपनी पार्टी की, जिसकी असम इकाई उनसे टूटती हुई नज़र आ रही है।

मुख्‍यमंत्री गोगोई के बयान से यह तो साफ हो गया कि कांग्रेस अपने गढ़ में ही कमजोर पड़ती जा रही है। गोगोई ने केंद्र पर जमकर वार करते हुए कहा था कि हिंसा से हुई मौतों की जिम्‍मेदार केंद्र सरकार है। केंद्र सरकार से केंद्रीय सुरक्षा बल की मांग की गयी थी, लेकिन उन्‍होंने समय पर मुहैया नहीं कराई। केंद्रीय सुरक्षा बलों को केंद्र सरकार ने समय पर हरी झंडी नहीं दी थी। अब सोनिया और पीएम का दौरा भी महज एक औपचारिकता ही दिखाई दे रहा है।

ऐसा नहीं है कि जब असम में नरसंहार हो रहा था, तब सोनिया गांधी या उनके बेटे राहुल गांधी के पास समय नहीं था। वे दोनों अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में थे और तमाम घोषणाओं पर अपनी मुहर लगा रहे थे। हमारा सवाल है कि क्‍या रायबरेली का दौरा इतना जरूरी था? अगर सोनिया गांधी को असम की इतनी ही फिक्र थी, तो वो रायबरेली छोड़ उसी समय असम क्‍यों नहीं गईं?

अब जब स्थिति नियंत्रण में आ गयी तब सोनिया को पीडि़तों से मिलने का क्‍या औचित्‍य है? खैर यह तो साफ है कि सोनिया और गोगोई के बीच तालमेल सही नहीं चल रहा है। एक तरफ असम में भड़की हिंसा से 57 लोगों की मौत हो गयी है, और दूसरी तरफ लगभग 3 लाख लोग घर से बेघर हो गये है। सच प‍ूछिए तो स्थित एक बार फिर कभी भी विस्‍फोटक हो सकती है, क्‍योंकि शरणार्थियों के लिये जो कैंप बनाये गये हैं, वहां सुविधाओं का जबरदस्‍त अभाव है। लोग हैरान परेशान घूम रहे हैं और वे कभी भी एक दूसरे की जान के दुश्‍मन बन सकते हैं।

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English summary
After around 57 people killed in Assam violence and lakhs of people displaced now Prime Minister Manmohan Singh and Sonia are going to to visit affected areas of Assam.
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