कानून व्यवस्था के नाम पर बसपा ने तोड़ा सदन का कानून
राज्यपाल बी एल जोशी के अभिभाषण के साथ सदन की कार्यवाही शुरु होते ही बसपा सदस्य सिर पर नीली टोपी लगाये सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। उनकी टोपियों पर सरकार के खिलाफ नारे लिखे थे। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए पहले पहल तो उन्हें शात करने का प्रयास किया गया लेकिन जब तब नहीं बनी तो राज्यपाल ने तीन मिनट में ही अपने अभिभाषण की औपचारिकता पूरी की।
इस बीव बसपाइयों ने राज्यपाल के भाषण की प्रतियां फाड़ी और उन पर कागज के गोले फेंके। इसके बाद सदन की कार्यवाही डेढ घण्टे के लिए स्थगित कर कर दी गयी। साढ़े बारह बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर बसपा सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया और अभिभाषण को गलत ठहराया।
बसपा ने इसके बाद दिन भर के लिए सदन का बहिर्गमन कर दिया। विपक्ष के नेता सदन के बाहर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्यपाल सरकार के गलत कार्यों को सही ठहरा रहे हैं इसीलिए बसपा ने उनके अभिभाषण का विरोध किया। हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों के विरोध के तरीके के बारे में कुछ भी नहीं बोला। उन्होंने हंगामे की बात को घुमाते हुए कहा कि जनता की समस्याओं को उठाने में उनकी पार्टी कोई कोरकसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि बसपा सदन व सदन के बाहर जनता की समस्याओं को उठाएगी। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल के नेता हुकुम सिंह ने राज्यपाल के कार्यकाल को लेकर सवाल उठाया। इस पर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने इसका तगड विरोध किया। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने प्रमोद तिवारी और हुकुम सिंह के तर्कों को सुनने के बाद श्री ङ्क्षसह के व्यवस्था के प्रश्न को निरस्त कर दिया।