बोर्ड से बिना पूछे फीस नहीं बढ़ा सकते प्राइवेट स्कूल
विभाग ने इस संबंध में निजी स्कूलों से जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट के इस फैसले से जहां अभिभावक खुश हैं वहीं निजी स्कूल संचालकों में उदासी है। स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए गैर सरकारी संगठनों ने कदम बढ़ा दिए हैं। 2+5 मुद्दे जन आंदोलन के संगठन सचिव सत्यवीर सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट के इस फैसले को जिला स्तर पर लागू कराने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. मनोज कौशिक से बातचीत की है।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह जल्द से जल्द फॉर्म छह न भरने वाले निजी स्कूलों की लिस्ट तैयार करेंगी। सत्यवीर सिंह ने बताया कि वह सरकार से मांग करते हैं कि जिन स्कूलों ने 2003 से फीस बढ़ोतरी के लिए फॉर्म-6 नहीं भरा है और फीस बढ़ा दी है ऐसे स्कूलों से अभिभावकों को पिछले पांच सालों में बढ़ाई फीस वापस दिलवाई जाए।
हाई कोर्ट के इस फैसले को लेकर अभिभावकों ने खुशी जताई है। अभिभावकों ने बताया कि पिछले काफी समय से स्कूल द्वारा फीस बढ़ाने के विरोध को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे थे। ऐसे में हाई कोर्ट का यह फैसला अभिभावकों के लिए राहत लेकर आएगा। एक अन्य अभिभावक ने बताया कि स्कूलों द्वारा नियमित तौर से फीस वृद्धि की जा रही है। इसके विरोध में जिला स्तर पर आवाज उठाने पर भी कुछ नहीं हुआ है। ऐसे में हाई कोर्ट के इस फैसले को सख्ती से लागू भी किया जाना चाहिए।