क्लेक्टर की रिहाई के लिए नक्सलियों ने रखी मांग
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाषा को बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि नक्सली नेताओं ने यहां के कुछ संवाददाताओं को अपना रिकार्ड किया हुआ बयान जारी कर अपनी मांगों से अवगत कराया है।
अधिकारियों ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने जिलाधिकारी की रिहाई के बदले आपरेशन ग्रीनहंट बंद करने, क्षेत्र में तैनात सुरक्षा कर्मियों को वापस बैरक में भेजने, फर्जी मामलों में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने और अपने आठ साथियों (मरकाम गोपन्ना उर्फ सत्यम रेड्डी, निर्मल अक्का उर्फ विजय लक्ष्मी, देवपाल चन्द्रशेखर रेड्डी, शांतिप्रिय रेड्डी, मीना चौधरी, कोरसा सन्नी, मरकाम सन्नी और असित कुमार सेन) की रिहाई की मांग की है।
नक्सलियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 25 अप्रैल तक का समय दिया है तथा इसके बाद वे जिलाधिकारी का फैसला जन अदालत में करेंगे। नक्सलियों द्वारा रखी गई शर्तों को लेकर किए गए सवाल पर राज्य के नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ संवाददाताओं को नक्सलियों ने अपना बयान उपलब्ध कराया है।
हालांकि नक्सलियों ने अभी तक सरकार से सीधे संपर्क नहीं किया है। उन्होंने बताया कि सरकार इस बात का पता लगा रही है कि ये मांगे वास्तव में नक्सलियों ने रखी हैं या नहीं और जिलाधिकारी के अपहरण में नक्सलियों के किस समूह का हाथ है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के केरलापाल क्षेत्र के माझीपारा गांव में नक्सलियों ने शनिवार शाम सुकमा जिले के कलेक्टर तथा वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मेनन (32) का अपहरण कर लिया था तथा उनके दो अंगरक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी थी।