तो रक्षा मामले में कौन बोल रहा है झूठ- एंटनी या वीके?
अब सवाल यह उठता है कि अगर एंटनी सच बोल रहे हैं, तो क्या वीके सिंह का वो पत्र झूठा था जो उन्होंने पीएम को लिखा था। और अगर वो पत्र सच्चाई बयां कर रहा था तो क्या आज एंटनी झूठ बोल रहे हैं?
आपको बताते चले कि जनरल वीके सिंह ने प्रधानमंत्री को एक गोपनीय पत्र लिखा था। चिट्ठी के द्वारा उन्होंने बताया था कि सेना के तोपों के गोला-बारूद खत्म हो चुके है। सेना के पास हथियारों की कमी है। उन्होंने वायुसेना पर बोलते हुए कहा था कि सेना अपनी ताकत खो चुकी है। उसके बयान के बाद एक राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिंह की बात को गंभीरता से ले रही है। सेना की तैयारियों में कुछ कमी है जिसको जल्द दूर किया जाएगा।
यह चिट्ठी 12 मार्च को लिखी गयी थी, उन्होंने कहा था कि दो पड़ोसी विरोधी देशों से हमारी सुरक्षा खतरे में है। सेना की खामियों को तत्काल दूर करनी चाहिए। देश में हथियारों की स्थिति काफी खराब है। इसमें तोपखाने, हवाई सुरक्षा, मैकेनाइज्ड सेना, स्पेशल सेना, पैदल सेना शामिल है।
उन्होंने आईटीबीपी के संचालन का अधिकार सेना को देने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर बड़ी तेजी से विकास कर रहा है। हमको भी अपनी सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाना चाहिए।
जनरल वीके सिंह ने सोना की इन कमियों को पीएम का सामने रखा था जिसको एके एंटोनी ने अफवाह करार दिया है।
1-
लंबी
दूरी
तक
वार
करने
के
लिए
तोपखाने
में
पिनाका
और
रॉकेट
सिस्टम
की
कमी।
2-
पैदल
सेना
के
पास
हथियार
की
कमी।
3-
सेना
के
पास
रात
में
दुश्मन
से
लड़ने
की
कोई
व्यवस्था
नहीं।
4-
आर्मी
के
टैंक
के
पास
गोला
बारूद
की
कमी।
5-
हवाई
सुरक्षा
के
97
प्रतिशत
हथियार
पुराने
पड़
चुके
है।
6-
आर्मी
की
एलीट
स्पेशल
फोर्स
के
पास
जरूरी
हथियार
की
कमी।
7-
एंटी
टैंक
गाइडेड
मिसाइल्स
की
मौजूदा
उत्पादन
क्षमता
और
उपलब्धता
में
बेहद
कमी।