सोनिया गांधी के दामाद की एयरपोर्ट पर नहीं होती है चेकिंग
दिल्ली (ब्यूरो)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा का कद दलाई लामा के बराबर है। कम से कम सरकार तो यही मानती है। भले ही यह सुनकर आप हैरत में पड़ जाएं लेकिन यही सच्चाई है। रॉबर्ट वाड्रा और तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु और नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा मात्र दो ऐसे गैर शासकीय व्यक्ति हैं, जिन्हें देश के हवाई अड्डों से बिना सुरक्षा जांच के गुजरने की विशेष छूट मिली हुई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद की ओर से मांगी गई जानकारी के जवाब में कहा है कि वाड्रा को सभी नागरिक हवाई अड्डे पर विमान में चढ़ने से पूर्व सुरक्षा जांच में छूट देने का फैसला मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ विचार करने के बाद लिया। लेकिन मंत्रालय ने आरटीआई की धारा (21/1) का हवाला देकर इसका ब्योरा देने से इंकार कर दिया।
तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु 76 वर्षीय दलाईलामा को भी यह विशेष छूट हासिल है। इन दोनों के अलावा सिर्फ राष्ट्रपति के जीवन साथी और राजदूतों की पत्नियों ऐसी और शासकीय व्यक्ति है जिन्हें यह सुविधा प्राप्त है। राष्ट्रपति के जीवन साथी को यह सुविधा पति की गैर मौजूदगी में भी मिलती है। देश में 33 श्रेणी के लोगों को यह सुविधा प्राप्त है जिसमें भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त हस्ती और कैबिनेट सचिव भी शामिल हैं।
हालांकि
पूर्व
प्रधानमंत्री
राजीव
गांधी
की
बेटी
प्रियंका
गांधी
वाड्रा
के
पति
राबर्ट
वाड्रा
को
यह
सुविधा
तभी
मिलती
है
जब
वह
स्पेशल
प्रोटेक्शन
ग्रुप
(एसपीजी)
सुरक्षा
प्राप्त
व्यक्ति
के
साथ
यात्रा
करते
हैं।
विदेशी
आगुंतकों
में
भी
सिर्फ
राष्ट्रपति,
उपराष्ट्रपति,
प्रधानमंत्री,
प्रांतों
के
गवर्नर,
देश
के
प्रधान
न्यायाधीश,
लोकसभाध्यक्ष
और
केंद्रीय
कैबिनेट
मंत्रियों
को
यह
छूट
हासिल
है।
मंत्रालय ने बताया कि कई मामलों में सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों ने सरकारी आवास पाने के लिए अपनी सुरक्षा के खतरे को बढ़ा-चढ़ा कर बताया लेकिन गृह मंत्रालय ने उनके दावे को गलत पाया। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सूची यह कहकर देने से इंकार कर दिया गया कि एसपीजी आरटीआई के दायरे से बाहर है। आर टीआई के तहत मांगी एक और जानकारी से साफ हुआ है कि अप्रैल 2010 में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के परिवार के लिए एयर इंडिया ने बंगलूरू से मालदीव और मालदीव से बंगलूरू की यात्रा के लिए बड़े विमान की व्यवस्था की थी। इस बात का खुलासा सरकारी विमानन कंपनी की ओर से एक आरटीआई के जवाब में किया गया है।
पहले यह दावा किया गया था कि बंगलूरू से माले के लिए उड़ान भरने वाले आईसी-965 में बिजनेस क्लास की सात सीटें पहले से बुक होने की वजह से एयर इंडिया ने ए 319 के स्थान पर बिजनेस क्लास की 20 सीटों वाले बड़े विमान ए 320 की व्यवस्था की। ऐसा इसलिए किया गया था कि पटेल की बेटी अवनी के ससुराल पक्ष देशपांडे परिवार के लोगों को बिजनेस क्लास में सीटें उपलब्ध कराई जा सके।
केंद्रीय सूचना आयोग के निर्देश के बाद जारी यात्रियों की सूची में खुलासा हुआ है कि देशपांडे का परिवार 25 अप्रैल 2010 को बंगलूरू से माले के लिए उड़ाने भरने वाले फ्लाइट आईसी-965 और 28 अप्रैल, 2010 को माले से बंगलूरू के लिए उड़ान भरने वाले विमान आईसी-966 में सवार था। सूची के अनुसार एयर इंडिया के विमान से पटेल की बेटी समेत देशपांड परिवार के सात सदस्यों ने यात्रा की थी। इनमें कांग्रेस नेता आरवी देशपांडे, राधा देशपांडे, प्रसाद देशपांडे, मेघना देशपांडे, मास्टर ध्रुव, प्रफुल्ल पटेल की बेटी अवनी और उनके पति प्रशांत देशपांडे शामिल थे।
आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार 25 अप्रैल, 2010 को बंगलूरू से माले और 28 अप्रैल, 2010 को माले से बंगलूरू के लिए उड़ान भरने वाले ए 319 विमान के स्थान पर ए 320 फ्लाइट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। ये निर्देश मुंबई मुख्यालय से ई-मेल के जरिए दिए गए थे। गौरतलब है कि इस रूट पर आमतौर पर एयर इंडिया के ए 319 विमान उड़ान भरते हैं। इस विमान में बिजनेस क्लास के आठ और इकोनॉमी क्लास के 114 सीटें होती हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल की ओर से मांगी गई जानकारी के जवाब में बताया गया है कि 25 अप्रैल को बंगलूरू से माले के लिए उड़ान भरने वाले विमान में बिजनेस क्लास की 6 और इकोनॉमी क्लास की 47 सीटें खाली थीं। वापसी में 28 अप्रैल को माले से बंगलूरू के लिए उड़ान भरने वाले विमान की स्थिति भी कुछ ऐसी ही थी। इसमें बिजनेस क्लास की 8 और इकोनॉमी क्लास की 52 सीटें खाली थीं।