भारत ना आ सकूं इसलिये राजस्थान पुलिस ने बोला झूठ: रूश्दी
मैं बहुत नाराज हूं। अपने ट्वीट पर एक टिप्पणी के जवाब में रश्दी ने कहा कि उन्हें इस बारे में नहीं पता कि क्या राजस्थान पुलिस ने किसी व्यक्ति विशेष के निर्देशों पर यह झूठी खुफिया जानकारी दी। रश्दी ने एक समाचार के लिंक को भी पोस्ट किया जिसमें कहा गया कि राजस्थान के स्थानीय खुफिया अधिकारियों ने रश्दी पर हमले के बारे में सूचना गढ़ी ताकि इस लेखक को साहित्य कार्यक्रम में शामिल होने से रोका जा सके। रश्दी से ट्विटर पर पूछा गया कि क्या यह वही पुलिस है जो अब इस लेखक की प्रतिबंधित पुस्तक द सैटेनिक वर्सेज के कुछ अंश साहित्य महोत्सव में पढने पर कुछ लेखकों को गिरफ्तार करना चाहती है।
इस पर उन्होंने जवाब दिया, मुझे नहीं पता कि किसने आदेश दिये। और हां, मेरा अंदाज है कि यही पुलिस (लेखकों) हरि, अमिताव, जीत और रूचिर को गिरफ्तार करना चाहती है। उन्होंने इस लिंक के साथ ट्वीट किया, यह रहा समाचार, आश्चर्य की बात है। इस लेखक ने साहित्य महोत्सव में शामिल होने का कार्यक्रम रद्द करते हुए कहा था कि उन्हें महाराष्ट्र और राजस्थान से खुफिया सूत्रों ने सूचित किया है कि उनके भारत आने पर मुंबई के अपराध जगत के सरगना के भाड़े के बदमाश उन्हें मार डालेंगे।
रश्दी ने इस खुफिया जानकारी की सत्यता पर संदेह जताया था और एक बयान में कहा था कि उनका इस महोत्सव में शामिल होकर अन्य लेखकों तथा अन्य प्रतिभागियों की जिंदगी खतरे में डालना गैरजिम्मेदाराना होगा। साहित्य उत्सव में रश्दी के आगमन को लेकर जताए जा रहे विरोध पर नाराजगी जाहिर करते हुए लेखकों अमिताव कुमार, हरि, रूचिर जोशी और जीत तायल ने रश्दी की 1988 की विवादित पुस्तक द सैटेनिक वर्सेज के कुछ अंश पढे़ थे। यह पुस्तक भारत में प्रतिबंधित है। पुलिस अब इन लेखकों की रिकॉर्डिंग के टेप देखने की मांग कर रही है।