आशीर्वाद लेने डेरा सच्चा सौदा पहुंचे 200 नेता
पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र में डेरा प्रेमियों की संख्या काफी है, जो जीत-हार में निर्णायक भूमिका रखते है तथा राजनीतिक प्रकोष्ठ के संकेत पर ही मतदान करते है। डेरा का दावा है कि हरियाणा में उनके 45 लाख, पंजाब में 50 लाख, राजस्थान में 35, दिल्ली में 20 तथा यूपी में करीब 30 लाख के करीब डेरा अनुयायी है। इस लिहाज से उनके अनुयायियों की संख्या करीब 1.75 करोड़ से अधिक है। इनमें वोटरों की संख्या करीब 90 लाख से अधिक है। अब राजनीतिक विंग के सहारे डेरा लोस चुनाव में अपने अपने लाखों अनुयायियों के बल पर ताकत दिखाने को बेताब हैं। डेरा के वोट बैंक की ओर जहां पंजाब के सभी राजनीतिक दलों की टकटकी लगी है तो वहीं डेरा अपने अनुयायियों की नब्ज टटोलने में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में डेरा से पहले पंजाब में जिला लेवल पर अभियान से रायशुमारी की गई। अब डेरा की राजनीतिक विंग ने पंजाब के सभी 117 हलकों में दस्तक दी है।
डेरे के राजनीतिक प्रकोष्ठ द्वारा 2007 में हुए विधानसभाई चुनावों में दिखाए गए करिश्मे की बदौलत डेरा मुखी से आर्शीवाद पाने वालों की बाढ़ आ गई है। नामांकन पत्रों की वापिसी की अंतिम तिथी बीत जाने के बाद सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए शह मात का खेल आरंभ कर दिया है। डेरा मुखी से आर्शीवाद पाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व राजिंद्र कौर भ_ल, पीपीपी सुप्रीमों मनप्रीत बादल जैसे सरीखे दिग्गज मुलाकात कर चुके है।
डेरा के राजनीतिक प्रकोष्ठ के सदस्य राम सिंह पुष्टि करते है कि उम्मीदवारों का डेरा मुखी से आर्शीवाद लेने का सिलसिला चल रहा है। अकाली दल व भाजपा के कई दिग्गजों ने भी डेरा मुखी से भेंट की है, जबकि चुनावी दंगल में उतरे कांग्रेस, अकाली दल, पीपीपी व निर्दलीय प्रत्याशी भी डेरामुखी से आर्शीवाद पाने के लिए कतार में है। पंजाब प्रदेश में पटियाला, संगरूर, बठिण्डा, फिरोजपुर, फाजिल्का इत्यादि जिलों में डेरा प्रेमियों की संख्या काफी बताई जाती है, जो राजनीतिक प्रकोष्ठ के निर्देश पर ही मतदान करके हार-जीत का निर्णय देते है।