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बर्फ गिरती रही तो उत्तराखंड में कैसे होगा मतदान

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Snowfall
दिल्ली (ब्यूरो)। उत्तराखंड में भीषण ठंड पड़ रही है। लगातार बर्फ पड़ रही है। इसमें यहां कैसे चुनाव होगा। लोग कैसे मतदान करने जाएंगे। यह सवाल चुनाव आयोग के सामने उठ खड़ा हुआ है। आयोग इसके लिए उपाय तलाशने में लग गया है। कई प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। इनमें बूच के हिसाब से वोटिंग टालने पर विचार किया जा रहा है।

बर्फबारी की ताजा मार ने सूबे में तीस जनवरी की होने वाली वोटिंग को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी की चिंता को बढ़ा रखा है। दिल्ली में निर्वाचन सदन में हो रहीं नियमित बैठकों में बर्फबारी से चुनाव प्रचार और मतदान केंद्रों के प्रबंधन में पड़ रही बाधाओं का जिक्र जरूर हो रहा है।

चुनाव आयोग में उत्तराखंड के प्रभारी उपायुक्त सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि बर्फबारी की वजह से अलग अलग मतदान केंद्रों पर पड़ रहे प्रभाव को ध्यान में रखा जाएगा और यदि वोटरों को दिक्कत पेश आने की संभावना नजर आती है तो बूथ के हिसाब से मतदान कार्यक्रम में बदलाव किया जा सकता है।

शीर्ष सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने उत्तराखंड की मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईओ) और डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिर्सस (डीईओ) के जरिए अभी तक सूबे में बर्फबारी से प्रभावित उन क्षेत्रों के बारे में फीडबैक लिया है जहां वोटिंग बूथों तक लोगों का पहुंचना मुश्किल हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, आयोग को मिले फीडबैक में यह बताया गया है कि अगर बर्फबारी के तेवर जस के तस बने रहते हैं तो गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में मौजूदा स्थिति तो बर्फ प्रभावित बहुत ज्यादा है और मौसम के तेवरों में कमी नहीं आई तो तीस जनवरी की वोटिंग भी इनके कई बूथों पर मुश्किल हो जाएगी।

प्रत्याशियों के लिए गांव-गांव जाकर मतदाताओं से मिलना मुश्किल हो रहा है। मतदान के रोज तीस जनवरी तक मौसम ने करवट नहीं बदली तो मतदाता वोट देने के लिए शायद ही घर से बाहर निकलें। इस सूरत में मतदान का प्रतिशत कम होना लाजमी है। चुनावी मशीनरी ने मौसम खराब होने की स्थिति में पोलिंग पार्टियों को हेलीकाप्टर के जरिये मतदान केन्द्रों तक पहुंचाने का इरादा जताया है।

पर असल सवाल यह है कि मतदाताओं को मतदान स्थलों तक पहुंचाने की व्यवस्था क्या होगी और कौन करेगा। वहीं चुनाव आयोग पर सियासी दलों के वोटिंग तिथि आगे बढ़ाने को लेकर दबाव बनाने का सिलसिला भी चल ही रहा है। सूत्रों की माने तो आयोग को ईमेल के जरिए भी ऐसी मांगें की जा रही हैं। भाजपा ने तो दस फरवरी को वोटिंग करने की मांग पहले ही आयोग से कर रखी है।

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English summary
Higher areas of Uttarakhand received fresh snowfall intensifying biting cold conditions in the hill state and marring electioneering ahead of January 30 assembly polls.
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