जातिवाद से ऊपर उठें राजनीतिक पार्टियां
मीडिया में तेजी से खबर आयी कि एक सर्वेक्षण के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है। वहीं एक दूसरी रिपोर्ट कहती है कि 403 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी को 243 सीटें मिल सकती हैं। साथ में एक बात यह भी कही जाती है कि अगर भाजपा भारी बहुमत से आयी तो मुस्लिम वोट फीका पड़ जायेगा या फिर भाजपा या अन्य पार्टियों के बीच बंट जायेगा....
इन सबसे यही साफ होता है कि सभी पार्टियां जाति की गणित खेल रही हैं। मुझे लगता है कि अगर पार्टियां जातिगत आधार को छोड़ कर बेहतर गवर्नेन्स और विकास को मुद्दा बनायें तो उन्हें जरूर फायदा मिलेगा। साथ ही साथ उनका अभियान भी स्वच्छ रहेगा। उदाहरण के तौर पर अगर भाजपा अपना एक नारा लेकर चले, "उत्तर प्रदेश की धरती, गुजरात-बिहार की नीति, आपकी तरक्की।" तो उसे जरूर फायदा मिलेगा।
इस चुनाव में पार्टियों के भाषणों को देखकर लगता है कि प्रदेश की राजनीति को जातिवाद से ऊपर उठने में अभी और वक्त लगेगा। लेकिन ऐसा अहम बात यह है कि इसमें देरी नहीं होनी चाहिये।