गाजियाबाद में तीन लोगों की हत्या, सिलबट्टे से की वारदात
इनके तीन बच्चे हैं, सोनू (25), खुशबू (15) और मोनू 12)। सोनू ऑटो चलाता है। घर में उसकी पत्नी आरती (20) और उसकी 22 दिन की बेटी थी। यह परिवार मूल रूप से पटना का रहने वाला है और छह साल से बहरामपुर में रह रहा है। मंगलवार सुबह शंकर और मंजू कंपनी चले गए और सोनू ऑटो चलाने। शाम साढ़े पांच बजे मंजू लौटी तो बाहर से घर की कुंडी लगी देखी।
ग्राउंड फ्लोर के कमरे में बेड पर मोनू की लाश पड़ी थी। उसे गला दबाकर मारा गया था। बेट का शव देखकर मंजू अपनी पुत्र वधु आरती का नाम लेती हुई चिल्लाती हुई सीड़ियों से फर्स्ट फ्लोर पर पहुंची जहां आरती कमरे में बैड के नीचे मृत पढ़ी थी। उसका सिर पर कुचला था जबकि बैड पर उनकी बेटी खुशबू भी मृत अवस्था थी उसकी भी हत्या सिर पर भारी वस्तु से प्रहार करके की गई थी। प्रथम तल के कमरे में बेड पर खुशबू और फर्श पर आरती की लाशें पड़ी थीं। दोनों का सिर सिलबट्टे से कुचला गया था। शंकर का कहना है कि जेवरात व नगदी समेत 90 हजार का सामान ले गए।
ऑटो ड्राइवर के भाई का शव मकान के ग्राउंड फ्लोर पर मिला जबकि पत्नी और बहन फर्स्ट फ्लोर पर बने कमरे में मृत मिली। बहन के शव के करीब आरती की 22 दिन की जन्मी बेटी सो रही थी। पुलिस को सिल का बट्टा बरामद हुआ हैं। आशंका है कि इसी से हत्या की गई है। ऑटो ड्राइवर सोनू के दो दोस्तों अमरीश और मिथिलेश का घर पर आना-जाना था।
इन्होंने सोनू की पत्नी के साथ एक बार रेप की कोशिश की थी। इसके कारण उसका सोनू और परिवार के दूसरे लोगों से विवाद हुआ था। पुलिस ने दोनों को संदेह के आधार पर हिरासत में ले लिया है। शंकर और मंजू भी नोएडा सेक्टर-62 में स्थित एक्सपोर्ट की एक कंपनी में कार्य करते हैं। वारदात के दौरान सोनू ऑटो चलाने के लिए गया था जबकि उसके मां-पिता अपनी फैक्ट्री में थे।