मीडिया पर कोई बाहरी नियंत्रण नहीं होना चाहिए: मनमोहन
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुप्त की याद में डाक टिकट जारी किया और इसे उनके जन्म के सौवें साल में उनके प्रति आदर जाहिर करने का उत्तम तरीका बताया। उन्होंने साथ ही स्मृति पुस्तिका का विमोचन भी किया। पूर्ण चंद्र दो वर्ष तक प्रेस टस्ट ऑफ इंडिया के चेयरमैन भी रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे खुशी है कि हमारे देश का मीडिया आम तौर पर स्वतंत्रा और जीवंत है। स्वतंत्रता के बाद से देश में मीडिया की भूमिका और उसके काम करने के तरीके पर चर्चा होती रही है।
उन्होंने कहा, मेरे विचार में हमारे देश में यह आम धारणा है कि मीडिया पर कोइ बाहरी दबाव नहीं होना चाहिए, लेकिन मेरा यह भी मानना है कि मीडिया के प्रतिनिधियों को मिल जुलकर र्कोइ ऐसा रास्ता निकालना चाहिए, जिसमें निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा मिले और सनसनी फैलाने की प्रवृत्ति कम हो। नयी प्रौद्योगिकी के सहारे अखबार और इलेक्टानिक मीडिया की पहुंच बढ़ने को देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा बताते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जर्ताइ कि भारतीय मीडिया पेड न्यूज जैसी बुराइयों पर भी सफलतापूर्वक काबू पा लेगा।