दिल्ली में आसमान से गिरा आग का गोला
मामला गांधी नगर इलाके के चांद मोहल्ले गली नंबर-3 का है। मकान नंबर-947 निवासी इंद्रपाल सिंह ने बताया कि शाम के समय वह घर में मौजूद थे। अचानक उन्होंने अपने मकान की पहली मंजिल पर एक तेज आवाज सुनी। इंद्रपाल पहली मंजिल की ओर भागे। उन्होंने देखा कि पहली मंजिल की बालकनी में आग लगी हुई थी। वहां रखा सामान जल रहा था। इंद्रपाल ने पानी से आग बुझाने की कोशिश की। जल रहे सामान की आग तो पानी डालने से बुझ गई लेकिन कुछ रहस्यमय टुकड़े पानी डालने पर भी जलते रहे। इंद्रपाल ने देखा कि इसके कुछ टुकड़े गली में भी पड़े हुए थे। वहां उसकी बाइक में भी आग लग गई थी। नीचे मौजूद लोगों ने किसी प्रकार बाइक की आग पर तो काबू पा लिया।
इस दौरान नीचे पड़े रहस्यमय टुकड़े पानी डालने के बावजूद सुलगते रहे। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक आसमान की ओर से आया करीब दस इंच आग का गोला इंद्रपाल की दीवार से टकराया और टुकड़े-टुकड़े हो गया। करीब आधे घंटे बाद आग के टुकड़े खुद ही बुझे। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में स्थानीय लोग जमा हो गए। सूचना पाकर मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पहुंचे। लेकिन पूरा मामला पूरी तरह अबुझ लगा। लिहाजा पुलिस अधिकारियों ने नमूने को अपने कब्जे में ले लिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामला संदिग्ध है। खगोल विज्ञानी बलदेव राज के मुताबिक पिंड के हकीकत जांच के बाद ही पता चल पाएगी लेकिन संभावना इस बात की पूरी है कि यह उल्का पिंड ही है। उल्का पिंड सोलर सिस्टम के भाग होते हैं, जिनका आकार बालू की आकार से लेकर टनों तक होता है। पृथ्वी के वायुमंडल के संपर्कमें आने पर यह जल उठते हैं। कई बार यह पृथ्वी तक भी पहुंच जाते हैं।