यूपीए के मंत्रियों में दरार, टेंशन में सोनिया गांधी
इसलिए सोनिया गांधी ने सरकार की सेहत सुधारने के लिए अपने चार मंत्रियों के साथ अलग अलग बैठक कर इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए आपसी मतभेद को भूलने की सलाह दी। इसलिए कयास लगाए जा रहा है कि सोनिया एक बार फिर विदेश रवाना होने से पहले विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल सुनिश्चित कराने के लिए कुछ और व्यवस्था करना चाहती हैं।
आपको बता दें कि जब पिछली बार इलाज के लिए सोनिया गांधी अमेरिका गईं थी तो उन्होंने राहुल गांधी की अगुवाई में एक कमेटी का गठन की थीं जो कांग्रेस और सरकार के बड़े मुद्दों पर अपना नजर बनाए हुए थी। हालांकि वह टीम भी काफी कुछ कारगर फैसला नहीं कर सकी। क्योंकि उसी दौरान अन्ना के अनशन ने सरकार की काफी मिट्टी पलीद की पर कमेटी आंखें बंद करके सरकार का भद्द पिटते हुए देखती रही।
पर अब सोनिया एक बार फिर सरकार और कांग्रेस के लिए पूरी तरह से कील कांटे दुरुस्त करके अमेरिका रवाना होना चाहती है इसलिए वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावे प्रणब मुखर्जी, एके. एंटनी और पी. चिदंबरम से भी अलग-अलग बात कीं। सोनिया मान रही हैं कि संगठन के स्तर पर ऐसी कोई गंभीर समस्या नहीं है, जितनी समस्या केंद्र सरकार के मंत्रियों की लड़ाई और उनके बीच सही तालमेल न होने से है।
सोनिया का मानना है कि इसी का फायदा उठाकर टीम अन्ना और विपक्ष कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल रहे हैं। खासतौर से 2जी स्पेक्ट्रम विवाद पर सरकार के दो शीर्ष मंत्रियों प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम के बीच कलह ने सरकार के भीतरी मतभेद सड़क पर ला दिए। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मान रही हैं कि सरकार के खिलाफ तमाम मुद्दों पर जो माहौल बन रहा है, उसकी वजह भी मंत्रियों के बीच चल रहा शीतयुद्ध है।
इसे लेकर उनकी प्रधानमंत्री, प्रणब मुखर्जी, अहमद पटेल और एके. एंटनी से गंभीर चर्चा हुई है। सोनिया ने साफ कहा है कि सरकार के कील-कांटे कसने की शिद्दत से जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक इलाज के लिए दोबारा विदेश जाने से पहले सोनिया कुछ कठोर कदम उठा सकती हैं इसमें कुछ लोगों को कुछ नए ताकीद भी हो सकते हैं।