बगावत के चलते हिसार में हारी कांग्रेस, जयप्रकाश ने की जांच की मांग

जेपी यह चेतावनी भी दे दी कि अगर एक महीने के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो वह 20 हजार से ज्यादा समर्थकों के साथ सोनिया गांधी से मिलेंगे एवं वहां से तभी लौटेंगे जब कार्रवाई हो जाएगी। जेपी ने दावा किया कि बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस की खिलाफत की है और उनके पास इस बात के गवाह हैं। उन्होंने भाजपा-हजकां गठबंधन की मदद की और कहा कि अगर बीरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाना है तो हजकां-भाजपा को वोट दो। जेपी ने कहा कि मुख्यमंत्री नरम न पड़े है जबकि हमें अब कार्रवाई चाहिए। जेपी ने केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, प्रदेश सरकार में मंत्री किरण चौधरी और प्रदेश के पूर्व मंत्री छत्रपाल का नाम भी लिया और इशारे में कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल पर भी आरोप लगा दिया।
उधर, कांग्रेस महासचिव बीरेंद्र सिंह ने जेपी के पत्र से अनभिज्ञता जताते हुए कहा है कि वे कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी होने के कारण अपनी बात केंद्रीय नेतृत्व को कहने को स्वतंत्र हैं। उन्हें हार के कारणों के बारे में लिखने का पूरा अधिकार है। कुमारी सैलजा के दिल्ली से बाहर होने के कारण संपर्क नहीं हो सका। कांग्रेस महासचिव एवं हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने दैनिक भास्कर से बातचीत में घटनाक्रम से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई पत्र नहीं मिला है।
हिसार उप चुनाव में जमानत तक गंवा देने वाले कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश बरवाला(जेपी) ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बीरेंद्र सिंह के गांव डूमरखां में केवल 228 वोट मिले जबकि इनेलो प्रत्याशी अजय चौटाला को 990 और भाजपा-हजकां गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई को 988 वोट मिले। इसी तरह केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के गांव प्रभुवाला में उन्हें केवल 211 मत हासिल हुए, जबकि कुलदीप बिश्नोई को 1292 और अजय चौटाला को 533 वोट मिले। जेपी ने कहा है कि दोनों गांव में कांग्रेस को मिले मतों से साफ है कि दोनों नेताओं ने पार्टी के खिलाफ काम किया।
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