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प्रामोशन के लिये आतंकी बताकर मानसिक विक्षिप्‍त को मार दिया

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Jammu and Kashmir: Army kills civilain, says he's a terrorist
जम्‍मू। प्रादेशिक सेना के जवान और विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) पद एक बेहद ही सनसनीखेज और शर्मनाक आरोप लगा है। आरोप यह है कि प्रमोशन और पैसे की लालच में दोनों ने संयुक्‍त रूप से मुठभेड़ के दौरान एक मासूम को लश्‍कर-ए-तैयबा का आतंकी बताकर मौत के घाट उतार दिया। आरोप तो यह भी है कि जिसे वह आतंकी बता रहे थे दरअसल वह आतंकी नहीं बल्कि एक मानसिक विक्षिप्‍त था। इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ हत्‍या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की छानबीन की जा रही है। वैसे मारे गये व्‍यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है मगर यह बताया जा रहा है कि वह हिंदू है।

आपको बताते चलें कि शनिवार की रात घाटी के ढ़ोबा में एक मुठभेड़ हुई थी। रविवार सुबह सेना व पुलिस ने एक आतंकी अब्बू उस्मान निवासी पाकिस्तान के मारे जाने का दावा किया। लेकिन यह दावा शाम को उस समय खोखला साबित हो गया जब लोगों ने शव को दफन करने से इंकार कर दिया। लोगों ने साफ कह दिया कि मारे गए व्यक्ति की सुन्नत नहीं हुई है यह दूसरे धर्म का है, इसे दफन नहीं किया जाएगा। इसके बाद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए।

सेना व पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि जिन दो जवानों ने मुठभेड़ को अंजाम दिया उनसे पूछताछ की जाए। जब प्रादेशिक सेना के जवान अब्दुल माजिद पुत्र मोहम्मद बशीर निवासी दरा सांगला व एसपीओ नूर हुसैन पुत्र सैद मोहम्मद निवासी महरोट सुरनकोट से पूछताछ की गई तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों ने कबूला किया कि उन्होंने राजौरी शहर से एक भीख मांगने वाले व्यक्ति को उठाया।

डेरा गली के क्षेत्र से उसे बफलयाज पहुंचाया गया, जहां से पैदल उसे दरा संगला में जवान अब्दुल माजिद के घर में रखा गया। वहां पर इसे सलवार कमीज व अन्य कपड़े पहनाने के बाद उसे अब्दुल हक निवासी सुरनकोट के ढोबा ढोक में पहुंचाया गया। जहां से दोनों ने अधिकारियों से बात की और कहा कि रोजा इफ्तार के लिए शाम को ढोक में आतंकी आ रहे हैं। अगर हमें पदोन्नति व पैसा मिले तो हम अपनी जान पर खेलकर आतंकियों को मार सकते हैं।

इसके बाद दोनों ने रात को सेना व पुलिस को सूचित किया कि मुठभेड़ शुरू हो चुकी है और दोनों तरफ से गोलियां जारी हैं। एक आतंकी मारा गया है, जबकि एक को घायल कर दिया गया है। सेना के जवानों ने रात को पूरे क्षेत्र को घेरे रखा और सुबह ढोक से एक शव को बरामद किया गया, जिसे लश्कर का कमांडर अब्बू उस्मान उर्फ डाक्टर बताया गया और उसके कब्जे से फर्जी पिस्तौल व दो मैगजीन बरामद की गई।

बख्‍शे नहीं जायेंगे हत्‍यारे

पीडीपी मुखिया महबूबा मुफती का कहना है कि राज्य में बेगुनाहों की हत्या कोई नई बात नहीं है। सरकार दोषियों को बचाने में जुटी है। सुरक्षाबलों के विशेषाधिकारों के कारण ही राज्य में ऐसे मामले हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला का कहना है कि फर्जी मुठभेड़ मामले के आरोपी जवानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हम किसी को भी मासूम लोगों की हत्या की इजाजत नहीं देंगे। दोषी सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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English summary
In another case of mistaken identity the Indian Army has killed a wrong person claiming he was a suspected Lashkar-e-Toiba divisional commander Abu Usman alias Adnan.
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