अमरनाथ यात्रा को पाखंड कहने वाले स्वामी अग्निवेश के खिलाफ गैर जमानती वारंट
सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीन तायल ने 23 मई 2011 को कोर्ट में इस्तगासा दायर कर कहा था कि स्वामी अग्निवेश ने अलगावादियों का समर्थन करते हुए अमरनाथ यात्रा को धर्म के नाम पर पाखंड करार दिया था।
इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वामी अग्निवेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 व 295ए के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। पुलिस कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
इससे पूर्व पुलिस के समक्ष एडवोकेट सुरेंद्र राजपाल ने बताया था कि स्वामी अग्निवेश अभी कुछ दिनों के लिए अन्ना हजारे के साथ हैं। इसलिए जांच में शामिल नहीं हो पाएंगे। कोर्ट में जब स्वामी अग्निवेश के बारे में पूछा गया तो पुलिस ने एडवोकेट के दिए जवाब को प्रस्तुत कर दिया। साथ ही पुलिस ने यह भी बताया कि तीन बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद अग्निवेश जांच में शामिल नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने स्वामी अग्निवेश के गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।