कुर्मी वोट खींचने के लिए कैबिनेट में आये बेनी प्रसाद वर्मा!
ऐन चुनाव के वक्त कांग्रेस में उनका कदम बढऩा इस नजरिए से भी देखा जा सकता है कि वर्मा की मतदाताओं में भी गहरी पैठ है। वह कुर्मी वोटों को खींचने में माहिर हैं। यही कारण है कि जब मुलायम से उनकी दूरी बनी तो उन्होंने समाजवादी क्रांति दल बना लिया। बेनी का यह दल उन्हें सत्ता सुख नहीं दिला सका और उन्हें कांग्रेस का दामन थाम लिया। वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में गोंडा सीट से जीतकर संसद में पहुंचे।
कबीना मंत्री का पद वह पहले भी कई बार संभाल चुके हैं। सपा में रहते हुए वर्मा वर्ष 1996 से 1998 के बीच केन्द्र की तत्कालीन देवगौड़ा सरकार में संचार मंत्री के पद पर भी रहे। वर्ष 1998, 1999 और 2004 में सपा के टिकट पर कैसरगंज लोकसभा सीट से चुने गए वर्मा ने साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर गोंडा सीट से जीत हासिल की थी। 70 वर्षीय बेनी अपने ल बे राजनीति जीवन में जनता पार्टी, भारतीय लोकदल और जनता दल जैसे राजनीतिक संगठनों से जुड़े रहे। प्रदेश सरकार के लोकनिर्माण विभाग समेत कई महत्वपूर्ण महकमों के मंत्री भी रह चुके हैं।