सरकार जांचेगी रामदेव की संपत्ति
बताया जा रहा है कि निदेशालय इस बात का पड़ताल कर रहा है कि रामदेव की तरफ से विदेशी परिसंपत्तियों में कहीं कालाधन तो नहीं। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय इस बात की भी जांच कर रहा है कि इसके जरिए विदेशी विनिमय के नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया गया है। सूत्रों ने बताया कि इस बाबत बाबा को जल्द ही नोटिस भेज कर जवाब-तलब किया जाएगा।
हालांकि इस बाबत कोई भी ईडी का अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है पर बताया जा रहा है कि बाबा द्वारा फेमा के उल्लंघन की शिकायत वित्त मंत्रालय को मिली थी, जिसे आगे की कार्रवाई के लिए ईडी को भेज दिया गया था। इसी शिकायत के आधार पर ईडी की दिल्ली शाखा ने बाबा के खिलाफ जांच शुरू की है।
ईडी के निशाने पर सबसे पहले बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी है, जो सालाना करोड़ों रुपये की आयुर्वेदिक दवाइयां निर्यात करती है। आरोप है कि इन दवाओं की कीमत विदेश में जानबूझ कर बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई जाती है और इसकी आड़ में विदेश में जमा काले धन को वापस लाया जाता है। ईडी अब तक निर्यात की गई दवाओं, उनकी कीमत और उनसे हुई आय का विस्तृत ब्योरा दिव्य फार्मेसी से मांगने की तैयारी में है।
ईडी रामदेव की पतंजलि योगपीठ को विदेश में अब तक लगे योग शिविरों और उससे हुई कमाई की भी जांच कर रहा है। इसमें पतंजलि योगपीठ की अमेरिका और इंग्लैंड की शाखाओं की संपत्तियां भी शामिल हैं। आशंका है कि विदेशी कमाई के बड़े हिस्से के बारे में बाबा रामदेव ने भारतीय रिजर्व बैंक को कभी सूचित नहीं किया। रिजर्व बैंक को सूचित किए बिना विदेशी मुद्रा में लेन-देन फेमा का उल्लंघन है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाबा रामदेव का स्कॉटलैंड का एक द्वीप भी जांच के दायरे में है।