हाई कोर्ट की लताड़ के बावजूद पायलटों की हड़ताल जारी
एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली और मुम्बई में गुरुवार को करीब 30 उड़ानें रद्द होने की आशंका है। बुधवार को 50 से ज्यादा उड़ानों को रद्द या इनके समय में परिवर्तन किया गया था। हड़ताल पर गए पायलट भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) के सदस्य और पूर्व विमानन कम्पनी इंडियन एयरलाइंस के कर्मचारी हैं जिसका एयर इंडिया में विलय कर दिया गया था। ये पायलट अपने वर्तमान साथियों के बराबर वेतन की मांग कर रहे हैं।
पायलटों ने बुधवार को बर्खास्त किए गए छह और निलम्बित किए गए दो पायलटों को बहाल किए जाने और आईसीपीए मान्यता बहाल किए जाने और इसके सील किए गए कार्यालयों को दोबारा खोलने की मांग की है। नागरिक उड्डयन मंत्री व्यालार रवि और एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं महानिदेशक अरविंद जाधव ने पायलटों से हड़ताल खत्म करके बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है।
एयर
इंडिया
के
प्रवक्ता
ने
कहा,
"हमने
संचालन
कार्य
यथासम्भव
सुचारू
रूप
से
जारी
रखने
के
लिए
प्रबंधन
से
जु़ड़े
150
पायलटों
को
यह
काम
सौंपने
का
निर्णय
लिया
है।"
लेकिन
हड़ताल
पर
गए
कर्मचारियों
ने
गुरुवार
को
कहा
कि
जिन
कर्मचारियों
को
संचालन
का
कार्य
सौंपा
गया
है
उनमें
से
कुछ
ने
बीमार
होने
की
सूचना
दी
है।
नागरिक
उड्डयन
मंत्रालय
ने
एयर
इंडिया
प्रबंधन
को
पूरा
समर्थन
देने
का
निर्णय
लिया
है
और
उड्डयन
मंत्री
रवि
ने
कहा
कि
पायलटों
का
एक
समूह,
उनकी
चाहे
जो
भी
शिकायतें
हों,
सेवाओं
को
ठप्प
नहीं
कर
सकता,
खासकर
तब
जबकि
कम्पनी
मुश्किल
समय
से
गुजर
रही
हो।
कम्पनी के अध्यक्ष जाधव ने कम्पनी के 35,000 कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में कहा कि हड़ताल पर गए कर्मचारियों का यह व्यवहार गैरजिम्मेदाराना है और वह यात्रियों को हो रही परेशानी से चिंतित नही हैं।