कालेज प्रशासन की खामी, परीक्षा के दौरान छात्रा की मौत
कुठौंढ क्षेत्र के ग्राम एकों स्थित बाबा दयालदास इण्टर कालेज में हाईस्कूल नागरिक शास्त्र की परीक्षा दे रही थी। परीक्षा के दौरान तेज बुखार व पेट में दर्द की शिकायत प्रियंका ने कक्ष निरीक्षक से की। शुरूआत में तो कक्ष निरीक्षक ने यह कहकर बात टाल दी कि वे दवा की व्यवस्था करता है और वह परीक्षा पर ध्यान दे। करीब आधे घंटे के बाद प्रियंका ने दोबारा कहा कि उसकी हालत बिगड़ रही है वह बेंच पर बैठ नहीं पा रही है कृपया उसे घर भिजवा दीजिये या फिर उसे किसी चिकित्सालय जाने दिया जाए। कक्ष निरीक्षक ने केन्द्र व्यवस्थापक को इसकी सूचना दी।
केन्द्र व्यवस्थापक ने यह कहकर दोनों ही कार्य करने से मना कर दिया कि परीक्षा के समय के दौरान किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। गौरतलब है कि अधिकारियों ने किसी चिकित्सक को बुलाकर दवा दिलाना भी मुनासिब नहीं समझा। दो घंटे तक उसका शरीर बुखार से तपता रहा और पेट दर्द झेलते हुए विद्यालय परिसर में उसकी मौत हो गयी। छात्रा की मौत के बाद केन्द्र व्यवस्थापक को अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
कक्ष
निरीक्षक
के
अनुसार
प्रियंका
की
तबियत
सवेरे
नौ
बजे
से
ही
खराब
हो
गयी
थी
लेकिन
उसे
बाहर
जाने
की
इजाजत
नहीं
दी
गयी।
छात्रा
की
तबियत
खराब
होने
की
खबर
मिलने
पर
पिता
ग्राम
कुरौली
निवासी
प्रेमसिंह
विद्यालय
पहुंचे
लेकिन
तब
तक
बेटी
प्रियंका
दम
तोड़
चुकी
थी।
पिता
ने
बताया
कि
बेटी
प्रियंका
क्षय
रोग
से
पीडि़त
थी।
बेटी
की
मौत
के
बाद
परिजनों
ने
विद्यालय
में
हंगामा
किया
तथा
केन्द्र
व्यवस्थापक
व
प्रधानाचार्य
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
करने
की
मांग
की।