ट्रेन से गिरकर मरने वाले छात्रों की मौत की जिम्मेदार यूपी पुलिस
ट्रेन जैसे ही ओवर-ब्रिज के नीचे से निकली, कि भारी संख्या में युवक ट्रेन से गिरे, उनमें से 14 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। ट्रेन की छत पर सवार युवक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की परीक्षा देकर लौट रहे छात्र थे। सवाल यह उठता है इस हादसे का जिम्मेदार कौन? उत्तर भी सीधा है, उत्तर प्रदेश पुलिस।
आईटीबीपी की चतुर्थ श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए बरेली पहुंचे विभिन्न राज्यों के करीब चार लाख अभ्यर्थियों ने आईटीबीपी की बदइंतजामी से नाराज होकर बस स्टेशन, रेलवे लाइन, पेट्रोल पंप सहित कई सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया।
भर्ती प्रक्रिया में शामिल होकर लौटे अभ्यर्थियों ने हादसे के बाद तोड़फोड़ कर रेलगाड़ी की एक बोगी को आग लगा दी। इसके बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) बृजलाल ने भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर भेज दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो उत्तर प्रदेश सरकार को भारी संख्या में छात्रों के बरेली आने की सूचना पहले से ही दे दी गई थी। इसके बावजूद न तो परीक्षा स्थल पर और न ही रेलवे स्टेशनों पर उपयुक्त मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया। हालांकि बृजलाल इस बात का ठीकरा आईटीबीपी पर फोड़ रहे हैं।
बृजलाल का कहना है कि आईटीबीपी अधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया में लाखों अभ्यर्थियों के पहुंचने के बारे में न तो बरेली जिला प्रशासन को सूचित किया और न ही पुलिस महानिदेशक कार्यालय को, जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि अन्य अभ्यर्थियों को वापस लाने के इंतजाम किए गए हैं।
क्लिक करें- ट्रेन की छत पर यात्रा कर रहे कई छात्रों की मौत
यही नहीं छात्रों की मौत की जिम्मेदारी स्वयं रेलवे प्रशासन की भी है। जब ट्रेन की छत पर सैकड़ों लोग सवार थे, तो ट्रेन चलाई ही क्यों गई। या फिर ट्रेन को चलाने से पहले पुलिस बुलाकर युवकों को नीचे क्यों नहीं उतारा गया। खास बात यह है कि जिस रूट पर ट्रेन चल रही थी, उस पर इलेक्ट्रिक लाइन भी है। इन तथ्यों से तो यही स्पष्ट होता है, कि रेलवे अधिकारियों को ट्रेन की छत पर बैठे युवकों की जान की बिलकुल परवाह नहीं थी।
बात अगर गृह मंत्रालय की करें, तो घटना के तुरंत बाद गृहमंत्री पी चिदंबरम ने बयान दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार को आईटीबीपी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या के बारे में अच्छी तरह सूचना दे दी गई थी। चिदंबरम ने सीधे मायावती सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि सूचना के बावजूद बरेली में उपयुक्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए। वहीं राज्य सरकार के प्रवक्ता ने चिदंबरम की बातों को नकारते हुए कहा कि आईटीबीपी और केंद्र द्वारा सही तालमेल नहीं बनाए जाने के कारण यह हादसा हुआ।
अब आप इस घटना के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं? अपनी प्रतिक्रिया नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें।