2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में राजा गिरफ्तार (लीड-2)
लेकिन इस गिरफ्तारी के बावजूद विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने दोहराया कि वह इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से करवाने की मांग पर कायम है।
सीबीआई ने राजा और उनके दो सहयोगियों को स्पेक्ट्रम आवंटन में अपने पद का दुरुपयोग करने और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक धन जमा करने के आरोपों के तहत बुधवार को गिरफ्तार किया।
जांच एजेंसी ने राजा के दो सहयोगियों दूरसंचार मंत्रालय के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और उनके निजी सचिव आर.के. चंदोलिया को भी गिरफ्तार किया।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया जाएगा। इसके बाद उनसे अगले दौर की पूछताछ की जाएगी।
राजा की गिरफ्तारी पर जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं कह सकता हूं कि यह अंत की शुरुआत है।"
स्वामी ने 2जी आवंटन मसले पर याचिका दाखिल कर राजा को आरोपी बनाया था जिसे अब 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला कहा जाता है। इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय में अगली सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
सर्वोच्च न्यायालय स्वयं इस मामले की जांच की निगरानी कर रहा है, जिसकी जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। न्यायालय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से 10 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि 2जी आवंटन में घोटाले का विवाद उठने के बाद राजा ने पिछले साल 14 नवम्बर को इस्तीफा दिया था। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में राजा की कथित भूमिका की ओर संकेत किया था और कहा था इसकी वजह से सरकार 1.76 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
वर्ष 2008 में कुछ नई कम्पनियों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन किया गया था जिसमें कथित रूप से निर्धारित प्रक्रिया और मानदंडों की अनदेखी की बात कही गई थी। राजा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर बाजार दर से कम कीमत पर स्पेक्ट्रम का आवंटन किया। इस मसले पर विपक्ष की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग के मुद्दे पर संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था और कोई सुचारू कार्य नहीं हो पाया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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