आईएनएस दीपक से नौसेना की ताकत बढ़ी
मुम्बई। समुद्र में युद्धपोतों में ईंधन भरने में सक्षम टैंकर आईएनएस दीपक के नौसेना के बेड़े में शुक्रवार को शामिल हो जाने से नौसेना की मारक एवं सामरिक क्षमताओं में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही नौसेना के युद्धपोत ईंधन टैकरों की संख्या चार हो गई। अगले नौ महीनों में एक और युद्धपोत टैंकर नौसेना के बेड़े में शामिल होगा।
इटली द्वारा निर्मित इस टैंकर के बेड़े में शामिल होने के बाद नौसेना के युद्धपोत समुद्र में लम्बे समय तक अपना अभियान चला सकेंगे। उन्हें दोबारा ईंधन भरवाने के लिए बंदरगाह पर नहीं लौटना होगा।
एक ईंधन भरने वाला टैंकर युद्धपोतों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि लड़ाकू विमानों के लिए हवा में ईंधन की आपूर्ति करने वाले ईंधन विमान। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने आईएनएस दीपक को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल करने से पहले इसका नौसेना के डाकयार्ड पर अनावरण किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा, "यह भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण क्षण है और भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा मजबूत करने के लिए वर्ष 2011 में और युद्धपोतों और टैंकरों को शामिल किया जाएगा।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंद महासागर में भारत की मौजूदगी निरंतर बनाए रखने के लिए 'अपनी सामरिक और कूटनीतिक हितो'ं का अनुसरण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, "दीपक जो लंबे समय तक युद्धपोतों को समुद्र में बनाए रख सकने में सक्षम है, यह भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।"
उल्लेखनीय है कि 175 मीटर लम्बे एवं 25 मीटर चौड़ा यह टैंकर 15,500 टन ईंधन सहित 17,900 टन माल ढोने में सक्षम है। 175 मीटर लम्बे युद्धपोत में चार एके 630 बंदूकों, एक चाफ लांचर प्रणाली को लगाया गया है। टैंकर आईएनएस दीपक एक साथ पांच युद्धपोतों में प्रतिघंटे 1500 टन ईंधन भर सकता है। जबकि नौसेना के बेड़े में पहले से शामिल आईएनएस ज्योति और आईएनएस आदित्य टैंकरों की क्षमता प्रतिघंटे 300 टन ईंधन भरने की है।
इस युद्धपोत टैंकर में लड़ाकू विमानों की भी सुविधाएं हैं। इस पर से कई तरह के हेलीकॉप्टरों को भी संचालित किया जा सकता है। इनके अलावा टैंकर युद्धपोत में 10,000 समुद्री मील की दूरी तक 16 समुद्री मील की गति से निगरानी करने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण को लगाया गया है।
इस टैंकर का निर्माण इटली की कम्पनी फिनकांटिएरी ने रिकॉर्ड 27 महीनों में किया है। नौसेना के प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा ने टैंकर दीपक की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह का टैंकर पाकर नौसेना 'गौरवान्वित' है। एडमिरल ने कहा, "यह अपने पूर्ववर्ती टैंकरों से बिल्कुल अलग है और इसके शामिल होने से नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि हुई है।"
टैंकर दीपक में चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी जगह दी गई है। इसके अलावा इसमें भंडारण के लिए उपलब्ध रिक्त स्थान से इसकी उपयोगिता अभियानों में काफी बढ़ जाती है। नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, "ईंधन भरने वाले टैंकर सामरिक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही युद्धपोतों को बिना रुके आगे बढ़ाने में मददगार होंगे। यह नौसेना की मारक क्षमता का आवश्यक घटक होगा।" प्रवक्ता ने बताया कि टैंकरों का इस्तेमाल बचाव एवं आपदा राहत के लिए भी हो सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।