क्या प्रधानमंत्री जी को बचा पाएंगे मैडम के 'नये गुर्गे'?
जी हां बात वही है जो पिछले दो दिनों से राजधानी दिल्ली की ब्रेकिंग न्यूज बनी हुई है। प्रधानमंत्री महोदय घोटालों के धुरंधरों को बाहर निकाल अब दूसरे मस्त कलंदरों को मौका देना चाहते हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री जी अपने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल के लिए महामहिम राष्ट्रपति से मिले।
मगर लगता है बात कुछ सेट नहीं हो पाई इसलिए दोबारा मनमोहन सिंह को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलना पड़ा। शायद अपने चुनाव पर उन्हे भरोसा नहीं हो रहा होगा इसलिए आदत से मजबूर प्रधानमंत्री जी को मैडम के ताबीज की जरूरत पड़ गई। देश के दोनों गणमान्य नेताओं की यह खुसर-पुसर तकरीबन दो घंटे चली।
इस ताबीज को लेने प्रधानमंत्री मैडम के पास नहीं गए बल्कि मैडम खुद ताबीज पहनाने प्रधानमंत्री जी के आवास पर पहुंची और देश के भविष्य की सलामती के लिए बनाया गया ताबीज उन्होने प्रधानमंत्री जी के हवाले कर दिया। अगर अगल-बगल वालों की मानें तो मैडन अकेली नहीं थीं बल्कि इस ताबीज को तैयार करने वाले अपने राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के साथ रेस कोर्स रोड पहुंची थीं।
अब हमें तो कयास लगाने की आदत पड़ी है सो हम तो यही सोच रहे हैं कि इस आनन-फानन बैठक में मैडम ने कौन से बाबा का ताबीज मनमोहन सिंह जी को थमाया होगा। जिससे पलक झपकते ही केंद्र सरकार के पिछले सारे कारनामों पर एक मोटा पर्दा पड़ जाएगा। वैसे हम तो यही चाहते हैं कि मनमोहन जी कृषि मंत्री शरद पवार पर महंगाई का सारा ठीकरा फोड़ें, लेकिन पता नहीं मैडम जी का क्या आदेश हो?
इसके बाद अगला मुक्का वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा और फिर गृह मंत्री चिदम्बरम पर जमाया जाना चाहिए लेकिन दिक्कत ये है कि प्रधानमंत्री जा अ गर सबको नाप देंगे तो किसके सहारे खड़े रहेंगे। समझ रहे हैं ना आप। आप प्रधानमंत्री जी की नई केंद्रीय मंत्रिपरिषद के बारे में क्या सोचते हैं, हमें जरूर बताएं। नीचे बने कमेंट बॉक्स में अपनी राय दर्ज करें।