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आंध्रा : जगन के चाचा बने मंत्री लेकिन बाहर हुए वफादार

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हैदराबाद। पिछले एक हफ्ते से आंध्रा में चल रहे नाटक का शायद आज एक हिस्सा समाप्त हो गया, क्योंकि आंध्रा के नये सीएम किरण कुमार रेड्डी ने आज विधिवत पूर्वक कार्यभार संभाल लिया है। चूंकि जगन मोहन ने कांग्रेस छोड़ दी है इसलिए उनके वाफादार कितनी देर तक मंत्रिमंडल में रह सकते हैं। सो उन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया है लेकिन जगन के चाचा को कैबिनेट में प्रमुख रूप से जगह मिली है।

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विधानपरिषद से मंत्रिमंडल में शामिल किए गए विवेकानंद अकेले व्यक्ति हैं जिसेस यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि जगन का मुकाबला करने के लिए ही उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। जगन ने सोमवार को कांग्रेस और संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जगन ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व उनके चाचा को मंत्री पद का प्रलोभन देकर उनके परिवार में दरार डालने की कोशिश कर रहा था।

जगन और उनकी मां ने विवेकानंद को मंत्रिमंडल में शामिल होने से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। जगन की अपने चाचा के साथ मंगलवार की रात कडप्पा में हुई मुलाकात के दौरान गरमागरम बहस हुई थी। विवेकानंद उसके बाद हैदराबाद प्रस्थान कर गए थे और उन्होंने साफ कर दिया था कि वह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे और अंतिम सांस तक कांग्रेस में बने रहेंगे।

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आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के नए मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शपथ ग्रहण करने के एक सप्ताह बाद बुधवार को विधिवत कार्यभार संभाल लिया, जबकि इसके चंद मिनट पहले ही 39 मंत्रियों ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मुख्यमंत्री ने ठीक सुबह 9.52 बजे राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश किया। प्रवेश का यह समय उनके ज्योतिषी ने तय किया था।

किरण कुमार द्वारा कार्यभार ग्रहण किए जाने के कुछ ही मिनट पहले 39 कैबिनेट मंत्रियों ने राजभवन में शपथ ली। शपथ लेने वालों में आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस.राजशेखर रेड्डी के भाई वाई.एस.विवेकानंद रेड्डी शामिल थे। तेलंगाना से सर्वाधिक 16 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। उसके बाद तटीय आंध्र (15) और रायलसीमा (8) को प्राथमिकता दी गई है। मोहम्मद अहमदुल्ला कैबिनेट में अकेले मुस्लिम मंत्री हैं।

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ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने न केवल वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी के तीन वफादारों को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया, बल्कि उनमें से कुछ लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल कर दिया जो खुलेआम जगन पर हमला कर रहे थे और वाईएसआर के छह वर्ष के शासन के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराए जाने की मांग कर रहे थे।वाईएसआर और पूर्व मुख्यमंत्री के. रोसैया मंत्रिमंडल के छह सदस्यों को किरण ने बाहर कर दिया, और विवेकानंद सहित 11 नए चेहरों को शामिल किया है। रोसैया मंत्रिमंडल के 28 सदस्य अभी तक सरकार में बरकरार हैं। राज्यपाल ई.एस.एल.नरसिम्हन ने राजभवन में बुधवार सुबह आयोजित एक समारोह में मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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