कोलइंडिया ने रचा इतिहास, सरकार की बल्ले-बल्ले
की बल्ले-बल्ले हो गई है।
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देश के अब तक के इस सबसे बडे़ आईपीओ को 2,34,716 करोड़ रुपये (करीब 23 खरब रुपये) के शेयर आवेदन मिले हैं। सीआईएल द्वारा पेश 63 करोड़ 10 लाख शेयरों के के मुकाबले सभी श्रेणियों के निवेशकों से कुल मिलाकर 958 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। हालांकि सरकार ने कंपनी में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का विनिवेश कर इस आईपीओ के जरिए 15,400 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का अनुमान लगाया है। कोल इंडिया से पहले अनिल अंबानी समूह की रिलायंस पावर का सबसे बड़ा आईपीओ पूंजी बाजार में वर्ष 2008 में आया था। इस आईपीओ को 2,05,000 करोड़ रुपये के शेयर आवेदन मिले थे।
पात्र संस्थागत निवेशकों के लिए कोल इंडिया का इश्यू 20 अक्टूबर को ही बंद हो गया था। इन निवेशकों में एफआईआई, म्युचुअल फंड और बीमा कंपनियां शामिल हैं। संस्थागत निवेशकों के वर्ग में यह आईपीओ 24.7 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ है। कोल इंडिया के आईपीओ को एफआईआई से मिली प्रतिक्रिया ने कई विश्लेषकों को भी आश्चर्यचकित कर दिया है। पिछले हफ्ते ही एफआईआई द्वारा घरेलू शेयर बाजारों में निवेश ने पहली बार 10 खरब रुपये का जादुई आंकड़ा पार किया है।