उप्र के किसान अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे
अलीगढ़-मथुरा सीमा के नजदीक टप्पल में किसान अधिक मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखे हुए हैं।
आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन 'किसान संघर्ष समिति' के एक सदस्य योगेंद्र शर्मा ने बताया, "हम सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे और तब तक नहीं हिलेंगे, जब तक कि राज्य सरकार हमारी मांग नहीं मान लेती है। हमें मुआवजे की राशि उतनी ही मिलनी चाहिए, जितनी कि ग्रेटर नोएडा के किसानों को दिए गए।"
दिल्ली में गुरुवार को राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष अजीत सिंह की अध्यक्षता में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया गया था, लेकिन इस दौरान पूरे प्रदर्शन के रुख को मुख्य मुआवजे के मसले से भटकाने की कोशिश की गई।
शर्मा ने कहा, "नेता हमारे आंदोलन के मंच को केवल राजनीति फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।"
संघर्ष समिति के एक अन्य सदस्य और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता अनिल तलान ने टप्पल से आईएएनएस को फोन पर बताया, "दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान किसान संघर्ष समिति को खारिज करने की कोशिश की गई, जो बेहद चौंकाने वाला था। अजित सिंह खुद को किसानों के प्रतिनिधि के रूप में पेश कर रहे हैं।"
तलान ने कहा, "अजित सिंह को यह जान लेना चाहिए कि संघर्ष समिति को अपनी पहचान के लिए उनके नाम की जरूरत नहीं है। हम किसी राजनेता के हाथ का खिलौना नहीं बन सकते हैं। हम सब देख सकते थे कि दिल्ली में प्रदर्शन के पीछे उनके क्या मंसूबे थे।"
उन्होंने कहा, "हम पुराने भूमि अधिग्रहण कानून 1894 को समाप्त कर देना चाहते हैं। लेकिन इसका कतई मतलब यह नहीं है कि हमारे अधिक मुआवजे की मांग को नजर अंदाज किया जाए। हमारी यह भी मांग है कि स्वतंत्रता दिवस को जिन अधिकारियों ने गोली चलाने के आदेश दिए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस गोलीबारी में तीन किसानों की मौत हो गई थी। इनमें एक 12 साल का किशोर भी शामिल है।"
तलान ने सैकड़ों किसानों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को सरकार द्वारा वापस न लिए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।