घाघरा नदी का तटबंध टूटा, 3 अभियंता निलंबित
बाराबंकी जिले में गोंडा सीमा पर घाघरा नदी पर बना एल्गिन-चरसरी तटबंध शनिवार को परसावलपुर गांव के पास टूट गया, जिससे कुछ ही घंटों में छह गांव जलमग्न हो गए। गोंडा जिले के तीन-चार गांव भी इसकी चपेट में आ गए हैं।
राज्य के सिंचाई मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एल्गिन-चरसरी तटबंध की सुरक्षा में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन अभियंताओं को निलंबित कर दिया है।
बाराबंकी के जिलाधिकारी विकास गोसवाल ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि तटबंध टूटने से करीब चार हजार लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें मोटरवोट व नावों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है।
गोसवाल ने कहा कि तटबंध के कटाव की युद्धस्तर पर मरम्मत की जा रही है। उन्होंने कहा कि गौसपुर क्षेत्र के अलीनगर-रानीमऊ बांध को भी घाघरा के कटान से बचाने के प्रयास जारी हैं। घाघरा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है।
बहराइच में घाघरा के कहर से पहले करीब 1.50 लाख बेघर हो चुके हैं। महसी और कैसरगंज तहसील के संगवा, समदर, केवलपुर, बांसगढ़ी, अटोडर, देवगंज, पुंगिया, चूली सहित करीब 80 गांव जलमग्न हो गए हैं। करीब 100 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
बहराइच के जिलाधिकारी रिग्जियान सैंफिल ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि बाढ़ प्रभावितों को मदद मुहैया कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि आदमपुर-रेवली तटबंध पर हो रहे कटान को बचाने के लिए पत्थर डाले जा रहे हैं।
उधर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, गोरखपुर, बस्ती, फरु खाबाद, फैजाबाद जिलों के कई गांवों में घाघरा, शारदा, राप्ती और सरयू का पानी प्रवेश कर गया है। अब तक बाढ़ से छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से काफी पानी छोड़े जाने और नेपाली नदियों का जलस्तर बढ़ने से शारदा और घाघरा के जलस्तर में इतनी वृद्धि हुई है। कुछ जिलों में गंगा, यमुना, सरयू और राप्ती का जलस्तर भी खतरे के निशान के निकट पहुंच गया है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के पूर्वाचल और मध्य हिस्से में बारिश की संभावना जताई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।