सुरक्षा बलों पर नक्सलियों का हमला, 5 जवान शहीद (राउंडअप)
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) टी. जे. लोंगकुमेर ने बस्तर क्षेत्र के मुख्यालय जगदलपुर से आईएएनएस को फोन पर बताया, "नक्सलियों ने घने जंगल में गश्त लगा रहे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), जिला पुलिस बल (डीएफ) के जवानों और विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के एक दल पर घात लगाकर हमला किया।"
उन्होंने बताया कि रायपुर से 250 किलोमीटर दूर कांकेर जिले के भुस्की गांव में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों पर हमला किए जाने के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
लोंगकुमेर ने कहा, "यह बड़ा हमला था, लेकिन हमारे जवान बहादुरी से लड़े। नक्सली बड़ी तादाद में थे और अंदाजा है कि वे 100 से ज्यादा थे।"
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक विश्व रंजन ने कहा कि मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबलों सहित तीन जवान, जिला पुलिस बल का एक जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शहीद हो गए।
उन्होंने कहा कि बचाव कार्यो और घायलों को वापस लाने के लिए घटनास्थल पर एक हेलीकॉप्टर भेजा गया है। पुलिस ने दावा किया कि मुठभेड़ में कुछ नक्सली भी मारे गए हैं लेकिन उनके शव बरामद नहीं हो पाए हैं।
यह हमला प्रदेश के वन मंत्री विक्रम उसैनी के निर्धारित दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ। उसैनी कांकेर जिले के हैं। घटना के बाद उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया है। सभी पांचों शवों को शाम को रायपुर लाया गया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके परिजनों के पास भेज दिया जाएगा।
बीजापुर जिले में एक अलग घटना में पुलिस और नक्सलियों के बीच रविवार को संक्षिप्त मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के दौरान डीएफ और एसपीओ के एक संयुक्त दल ने दो वरिष्ठ नक्सली कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक आर.एन.दास ने कहा कि पुलिस ने नक्सलियों के पास से विस्फोटक और नक्सली दस्तावेज बरामद किया है। नक्सलियों की संख्या 30-35 थी।
पिछले कुछ वर्षो से छत्तीसगढ़ नक्सली हिंसा का केन्द्र रहा है। दन्तेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कांकेर जिलों का करीब 40,000 वर्ग किलोमीटर में फैला बस्तर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक पिछले तीन साल में नक्सलियों ने प्रदेश में 1,948 हमले किए हैं। इनमें 418 नागरिक और 75 विशेष पुलिस अधिकारियों सहित 435 पुलिसकर्मी मारे गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।