अधेड़ उम्र में तनाव से महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा
समाचार पत्र 'डेली मेल' में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन के शोधकर्ताओं ने मानसिक तनाव के स्तर की जांच के लिए 1,415 महिलाओं पर 1968, 1974 और 1980 में हुए तीन सर्वेक्षणों का विश्लेषण किया। अध्ययन की शुरुआत में महिलाओं की आयु 38 से 60 वर्ष थी।
जब एक महीने या इससे लंबे समय तक उत्तेजना, घबराहट, चिंता, भय या नींद न आने की समस्या रहे तो इसे तनाव की स्थिति कहते हैं।
स्वीडन के गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय की शोधकर्ता लीना जोहानसन कहती हैं, "यह ऐसा पहला अध्ययन है जो बताता है कि अधेड़ अवस्था में तनाव होने पर बुढ़ापे में 'डीमेन्शिया' की परेशानी हो सकती है और जानवरों पर हुए अध्ययन में भी इसकी पुष्टि हुई है।"
अध्ययन के दौरान 161 महिलाओं में 'डीमेन्शिया' (मानसिक बीमारी) बीमारी अल्जाइमर के रूप में विकसित होती है। अपनी मध्य आयु में बार-बार तनाव का सामना करने वाली महिलाओं में 'डीमेन्शिया' का खतरा 65 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।