कश्मीर में 5 सुरक्षाकर्मी और एक दर्जन प्रदर्शनकारी घायल (लीड-1)
अलगाववादियों की ओर से किए गए बंद के आह्वान और प्रशासन द्वारा कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाए जाने के कारण पूरी घाटी में दुकानें, शिक्षण संस्थान, सार्वजनिक परिवहन, बैंक, डाक घर और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "श्रीनगर शहर, सोपोर और बांदीपोरा में किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। बारामूला, अनंतनाग, पुलवामा और हंडवाड़ा जैसे अन्य शहरों में भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। यहां के हालात की दिन में समीक्षा की जाएगी।"
चिकित्सकों के अनुसार गोली से घायल छह प्रदर्शनकारियों को श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
एक युवक सहित चार लोग श्रीनगर के तेंगपोरा इलाके में उस समय घायल हो गए थे, जब पथराव कर रही एक भीड़ का द्रुत कार्रवाई बल (आरएएफ) के साथ संघर्ष हो गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "तेंगपोरा में घटी घटना में तीन लोग घायल हुए थे, लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। जिस युवक के शरीर में कटे की चोट है, उसने संभवत: खुद से किसी धारदार वस्तु से उसे समय अपने ऊपर वार किया था, जब सुरक्षा बल के जवान उसे दौड़ा रहे थे।"
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच दक्षिण कश्मीर के कोंकरनाग और अनंतनाग कस्बों में भी संघर्ष हुआ। इस दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ गए और लाठीचार्ज किया गया। परिणामस्वरूप चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
भीड़ ने हरवान, शालीमार, बेमिना, क्रालसंगरी, सोपोर और कुछ अन्य स्थानों पर भी पथराव किया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "दिन भर चले संघर्ष के दौरान पांच सुरक्षा कर्मियों को भी चोटें आईं। लेकिन किसी भी सुरक्षा कर्मी या प्रदर्शनकारी को गंभीर चोट नहीं आई है।"
सैयद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट ने घाटी में सोमवार को बंद का आह्वान किया था। यह बंद उनके 'कश्मीर छोड़ो अभियान' का हिस्सा था।
घाटी में गत 11 जून से जारी हिंसा के हाल के दौर में करीब 57 नागरिकों की मौत हो चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।