क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कश्मीर हिंसा में 2 मरे, मृतकों की संख्या 59 हुई (राउंडअप)

By Jaya Nigam
Google Oneindia News

अनंतनाग और पुलवामा कस्बों में सुबह कर्फ्यू उठा लिया गया था लेकिन हिंसा की घटना देखते हुए वहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मंगलवार सुबह मुहम्मद अब्बास धोबी की मौत सूरा मेडिकल इंस्टीट्यूट में हुई। युवक दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में लाजिबल गांव में पिछले सप्ताह हुए संघर्ष में घायल हो गया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां कहा, "युवक को अनियंत्रित भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच पिछले सप्ताह अनंतनाग में हुए संघर्ष के दौरान मची भगदड़ में चोट आ गई थी।"

पुलिस ने युवक के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सुरक्षा कर्मियों ने युवक को बुरी तरह पीटा था।

धोबी की मौत के बाद अनंतनाग और पुलवामा कस्बों में फिर तनाव पैदा हो गया। नाराज युवक सड़कों पर जमा होकर पत्थरबाजी करने लगे। हिंसा के कारण इलाके में सुबह उठाया गया कर्फ्यू फिर से लागू कर दिया गया।

दोनों कस्बों में दुकानें, शिक्षण संस्थान, बैंक, डाक खाने और अन्य व्यापार तत्काल बंद हो गए।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अनंतनाग और पुलवामा कस्बों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

इस बीच श्रीनगर शहर के बाहरी हिस्से बेमिना में एक सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल की अर्धसैन्य बल के एक वाहन से टकरा जाने के कारण मौत हो गई। परिणामस्वरूप इलाके में संघर्ष शुरू हो गया।

अर्धसैन्य बल का एक वाहन पथराव कर रही भीड़ के बीच फंस गया था। यह वाहन इस इलाके से निकलने की कोशिश कर रहा था, इसी दौरान वाहन ने एक साइकिल सवार को धक्का मार दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "साइकिल सवार की पहचान सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल मुहम्मद यूसुफ के रूप में हुई है। उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।"

परिणामस्वरूप पुलिस कांस्टेबल के निवास स्थल शहर के बाटमालू इलाके में भीड़ सड़कों पर उतर आई और गुजर रहे वाहनों पर पथराव करने लगी।

अधिकारियों ने कस्बे में कानून और व्यवस्था कायम करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया है।

अलगाववादियों के लोगों से एक दिन सामान्य जीवन बिताने के लिए कहने के बाद पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटा लिया गया था। सप्ताह में पहली बार श्रीनगर में दुकानें खुलीं थीं और यातायात सामान्य हुआ था।

लोग कम से कम एक सप्ताह के लिए आवश्यक सामानों की खरीद में लगे रहे।

एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता ने यहां कहा, "चूंकि हम पिछले दो महीने से हिंसक दौर से गुजर रहे हैं, लिहाजा बाजार में हर व्यक्ति अफरा-तफरी में दिखाई दिया और उसकी आंखों में अविश्वास की रेखाएं देखी गईं। यह कश्मीर का विरोधाभास है जो अति कुशल राजनीतिक विश्लेषकों को भी भ्रमित कर देता है।"

एक गृहणी महबूबा बानो ने कहा, "आवश्यक सामानों की खरीद के लिए मैंने सुबह ही घर छोड़ दिया। आप नहीं जानते कि बाजार फिर कब खुलेंगे। यहां के हालात वाकई खराब हैं।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X